English, asked by aman40002, 3 months ago

cell? / पौधे और जंतु गेल में कोई दो अंतर बताएं?
5. वाम रे पदउउतरे हिमभ मे? / State the laws of reflection of light? /प्रकाश के परावर्तन के
नियम बताएं?​

Answers

Answered by brianmassey039
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Answer:

Explanation:

जंतुओं :  

१.एक स्थान से दूसरे स्थान तक भ्रमण करते हैं।

२.यह पौधों तथा जंतुओं से अपना भोजन प्राप्त करते हैं।

३.इतनी वृद्धि कुछ विशेष आयु के पश्चात रुक जाती है।

४.इनमें पर्णहरित नहीं होता।

५.इनकी कोशिका भित्ति नहीं होती।

पौधे :  

१.एक स्थान पर स्थिर रहते हैं।

२.यह सूर्य के प्रकाश में प्रकाश संश्लेषण द्वारा अपना भोजन स्वयं तैयार करते हैं।

३.इनमें अनिश्चित तथा लगातार वृद्धि होती है।

४.इनमें पर्णहरित होता है।

५.इनकी कोशिका भित्ति सेल्यूलोज की बनी होती है।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।

The laws of reflection are as follows: The incident ray, the reflected ray and the normal to the reflection surface at the point of the incidence lie in the same plane. The angle which the incident ray makes with the normal is equal to the angle which the reflected ray makes to the same normal.

Answered by xXitzSweetMelodyXx
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Answer⤵️

दर्पण (Mirrors) ऐसे प्रकाशीय तल (optical surfaces) हैं जो प्रकाश की किरणों के परावर्तन (reflection) के द्वारा या तो प्रकाशपुंज को प्रत्यावर्तित कर देते हैं अथवा उसे एक बिंदु पर अभिसृत (converge) करके बिंब (image) का निर्माण करते हैं। प्रकाशीय यंत्रों के, विशेष कर ज्योतिष से संबधित यंत्रों के, निर्माण में दर्पणों ने अत्यंत महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की है।

दर्पण के तल से परावर्तित होते समय प्रकाश की किरणें दो विशेष नियमों का पालन करती हैं। इन नियमों को परावर्तन के नियम (Laws of Reflection) कहते हैं। ये निम्नलिखित हैं:

1. आपाती किरण, आपतन बिंदु पर अभिलंब तथा परावर्तित किरण एक ही समतल में स्थित होते हैं।

2. अभिलंब के साथ आपाती किरण तथा परावर्तित किरण द्वारा बननेवाले कोण परस्पर बनाबर होते हैं। पहले कोण अ (i) को आपतन कोण तथा दूसरे कोण प (r) को परावर्तन कोण कहते हैं।

यदि कोई तल प्रकाश की किरणों का परावर्तन किसी ऐसे प्रकार से करता है जिसमें किरणें उपर्युक्त नियमों का पालन नहीं करतीं तो ऐसा तल दर्पण का तल न होकर विसारी परावर्तक तल (diffusive reflecting surface) कहा जाएगा।

प्राय: सभी दर्पणों की रचना समुचित आकृति के काचतल पर किसी अत्यधिक परावर्तनशील पदार्थ की पतली परत चढ़ाकर की जाती है। यह प्रक्रिया प्राय: निर्वात आलेपन द्वारा संपन्न की जाती है और पदार्थ का चयन उस वर्णक्रम प्रदेश के अनुसार किया जाता है जिसके लिय दर्पण का प्रयोग अभीष्ट है।

दृश्य प्रखंड (visible region) के लिए चाँदी सर्वाधिक परावर्तनीयता (reflectivity) प्रदान करती है, किंतु साधारणतया ऐल्यूमिनियम का ही उपयोग किया जाता है। इसका कारण यह है कि एल्यूमिनियम चाँदी की अपेक्षा अधिक टिकाऊ होता है। इसका कारण ऐल्यूमिनियम ऑक्साइड है, जो ऐल्यूमिनियम के वायुमंडल के संपर्क में आने पर बन जाता है।समतल दर्पण में बास्तविक(real image) बाना सकता है

xXitzSweetMelodyXx

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