Chand aur anushasan par nibandh
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सभी के लिये खुशहाल और एक सफल जीवन जीने के लिये अनुशासन बहुत ही जरुरी है। यहाँ पर हम कुछ संख्याओं में आपके स्कूल जाने वाले बच्चों के लिये निबंध उपलब्ध करा रहें है। सामान्यत: स्कूलों में विद्यार्थीयों को अनुशासन पर निबंध लिखने को दिया जाता है। अत: आप दिये गये निबंधों का प्रयोग किसी भी प्रतियोगिता आदि में कर सकते हैं।
अनुशासन पर निबंध (डिसिप्लिन एस्से)
Get below some essays on Discipline in Hindi language for students in 100, 150, 200, 250, 300, and 400 words.
अनुशासन पर निबंध 1 (100 शब्द)
हर एक के जीवन में अनुशासन सबसे महत्पूर्ण चीज है। बिना अनुशासन के कोई भी एक खुशहाल जीवन नहीं जी सकता है। कुछ नियमों और कायदों के साथ ये जीवन जीने का एक तरीका है। अनुशासन सब कुछ है जो हम सही समय पर सही तरीके से करते हैं। ये हमें सही राह पर ले जाता है।
हम अपने रोजमर्रा के जीवन में कई प्रकार के नियमों और कायदों के द्वारा अनुशासन पर चलते हैं। इसके कई सारे उदाहरण हैं जैसे हम सुबह जल्दी उठते हैं, एक ग्लास साफ पानी पीते हैं, तरोताजा होने के लिये शौचालय जाते हैं, दाँत साफ करते हैं, स्नान करते हैं, नाश्ता करते हैं, स्कूल जाते हैं आदि सभी अनुशासन का ही एक प्रकार है।

अनुशासन पर निबंध 2 (150 शब्द)
जीवन के सभी कार्यों में अनुशासन अत्यधिक मूल्यवान है। हमें हर समय इसका पालन करना है चाहे वो स्कूल, घर, कार्यालय, संस्थान, फैक्टरी, खेल का मैदान, युद्ध का मैदान या दूसरी जगह हों। ये खुशहाल और शांतिपूर्णं जीवन जीने की सबसे बड़ी जरुरत है। ये हमें ढेर सारे बड़े मौके देती है, अनुशासन आगे बढ़ने के लिये सही रास्ता देती है, जीवन में सही बातें सीखाती है, कम समय में ज्यादा अनुभव मिलता है आदि। जबकि अनुशासन की कमी की वजह से ढेर सारी दुविधा और गड़बड़ी होती है, अनुशासनहीनता की वजह से जीवन में शांति और प्रगति के बजाय ढेर सारी परेशानी उत्पन्न हो जाती है।
अनुशासन अपने बड़ों, ऑफिस के सीनीयर, शिक्षक, और माता-पिता के हुक्म का पालन करना है जिससे हम सफलता की ओर आगे बढ़ते हैं। हमें नियमों पर चलने की, आज्ञा का पालन करने की और सही तरीके से व्यवहार करने की जरुरत है। हमें अपने जीवन में अनुशासन के महत्व को समझना चाहिये। जो लोग अनुशासनहीन होते हैं वो अपने जीवन में बहुत सारी समस्याओं को झेलते हैं साथ ही निराश भी होते हैं।
अनुशासन पर निबंध 3 (200 शब्द)
अनुशासन किसी भी कार्य को ठीक ढंग से करने का एक तरीका है। इसके लिये आपके शरीर और दिमाग पर एक नियंत्रण की जरुरत होती है। कुछ लोगों के पास स्व-अनुशासन प्राकृतिक संपत्ति के रुप में होता है जबकि कुछ को इसे अपने अंदर विकसित करना पड़ता है। अनुशासन में वो दक्षता है कि वो भावनाओं को नियंत्रित कर सकता है और मुश्किलों से पार पाने के साथ ही सही समय पर सही कार्य करने में मदद करता है। बिना अनुशासन के जीवन अधूरा और असफल है। अपने बड़ों और वरिष्ठों का सम्मान करने के द्वारा हमें कुछ नियमों का पालन करना चाहिये।
ये जीवन के सभी कार्यों के लिये एक महत्वपूर्णं यंत्र है चाहे वो घर, कार्यालय, खेल का मैदान या दूसरी जगह हो। अगर हम अनुशासन का पालन न करें तो हमारा जीवन अव्यवस्थित हो जायेगा। इस दुनिया में हर चीज अनुशासित है और अनुशासन के द्वारा संगठित है। हवा, पानी और जमींन हमें जीवन जीने का रास्ता देते है। ये दुनिया, देश, समाज, समुदाय आदि सबकुछ बिना अनुशासन के असंगठित हो जायेगा क्योंकि सब कुछ अनुशासन पर निर्भर है। अनुशासन एक स्वभाव है जो प्रकृति द्वारा प्रदत्त सभी चीजों में उपस्थित है।
अनुशासन पर निबंध 4 (250 शब्द)
अनुशासित व्यक्ति आज्ञाकारी होता है और उसके पास उचित सत्ता के आज्ञा पालन के लिये स्व-शासित व्यवहार होता है। अनुशासन पूरे जीवन में बहुत महत्व रखता है और जीवन के हर कार्यों में इसकी जरुरत होती है। यह सभी के लिये आवश्यक है जो किसी भी प्रोजेक्ट पर गंभीरता से कार्य करने के लिये जरुरी है। अगर हम अपने वरिष्ठों की आज्ञा और नियमों को नहीं मानेंगे तो अवश्य हमें परेशानियों का सामना करना पड़ेगा और असफल भी हो सकते हैं।
हमें हमेशा अनुशासन में होना चाहिये और अपने जीवन में सफल होने के लिये अपने शिक्षक और माता-पिता के आदेशों का पालन करना चाहिये। हमें सुबह जल्दी उठना चाहिये, निययमित दिनचर्या के तहत साफ पानी पीकर शौचालय जाना चाहिये, दाँतों को साफ करने के बाद नहाना चाहिये और इसके बाद नाश्ता करना चाहिये। बिना खाना लिये हमें स्कूल नहीं जाना चाहिये। हमें सही समय पर स्वच्छता और सफाई से अपना गृह-कार्य करना चाहिये। हमें कभी भी अपने माता-पिता की बातों का निरादर, नकारना या उन्हें दुखी नहीं करना चाहिये। हमें अपने स्कूल में पूरे यूनिफार्म में और सही समय पर जाना चाहिये। कक्षा में स्कूल के नियमों के अनुसार हमें प्रार्थना करना चाहिये। हमें अपने शिक्षकों की आज्ञा का पालन करना चाहिये, साफ लिखावट से अपना कार्य करना चाहिये तथा सही समय पर दिये गये पाठ को अच्छे से याद करना चाहिये।
हमें शिक्षक, प्रधानाध्यापक, चौकीदार, खाना बनाने वाले या विद्यार्थियों से बुरा बर्ताव नहीं करना चाहिये। हमें सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिये चाहे वो घर, स्कूल, कार्यालय या कोई दूसरी जगह हो। बिना अनुशासन के कोई भी अपने जीवन में कोई भी बड़ी उपलब्धि प्राप्त नहीं कर सकता। इसलिये अपने जीवन में सफल इंसान बनने के लिये हमें अपने शिक्षक और माता-पिता की बात माननी चाहिये।
अनुशासन पर निबंध (डिसिप्लिन एस्से)
Get below some essays on Discipline in Hindi language for students in 100, 150, 200, 250, 300, and 400 words.
अनुशासन पर निबंध 1 (100 शब्द)
हर एक के जीवन में अनुशासन सबसे महत्पूर्ण चीज है। बिना अनुशासन के कोई भी एक खुशहाल जीवन नहीं जी सकता है। कुछ नियमों और कायदों के साथ ये जीवन जीने का एक तरीका है। अनुशासन सब कुछ है जो हम सही समय पर सही तरीके से करते हैं। ये हमें सही राह पर ले जाता है।
हम अपने रोजमर्रा के जीवन में कई प्रकार के नियमों और कायदों के द्वारा अनुशासन पर चलते हैं। इसके कई सारे उदाहरण हैं जैसे हम सुबह जल्दी उठते हैं, एक ग्लास साफ पानी पीते हैं, तरोताजा होने के लिये शौचालय जाते हैं, दाँत साफ करते हैं, स्नान करते हैं, नाश्ता करते हैं, स्कूल जाते हैं आदि सभी अनुशासन का ही एक प्रकार है।

अनुशासन पर निबंध 2 (150 शब्द)
जीवन के सभी कार्यों में अनुशासन अत्यधिक मूल्यवान है। हमें हर समय इसका पालन करना है चाहे वो स्कूल, घर, कार्यालय, संस्थान, फैक्टरी, खेल का मैदान, युद्ध का मैदान या दूसरी जगह हों। ये खुशहाल और शांतिपूर्णं जीवन जीने की सबसे बड़ी जरुरत है। ये हमें ढेर सारे बड़े मौके देती है, अनुशासन आगे बढ़ने के लिये सही रास्ता देती है, जीवन में सही बातें सीखाती है, कम समय में ज्यादा अनुभव मिलता है आदि। जबकि अनुशासन की कमी की वजह से ढेर सारी दुविधा और गड़बड़ी होती है, अनुशासनहीनता की वजह से जीवन में शांति और प्रगति के बजाय ढेर सारी परेशानी उत्पन्न हो जाती है।
अनुशासन अपने बड़ों, ऑफिस के सीनीयर, शिक्षक, और माता-पिता के हुक्म का पालन करना है जिससे हम सफलता की ओर आगे बढ़ते हैं। हमें नियमों पर चलने की, आज्ञा का पालन करने की और सही तरीके से व्यवहार करने की जरुरत है। हमें अपने जीवन में अनुशासन के महत्व को समझना चाहिये। जो लोग अनुशासनहीन होते हैं वो अपने जीवन में बहुत सारी समस्याओं को झेलते हैं साथ ही निराश भी होते हैं।
अनुशासन पर निबंध 3 (200 शब्द)
अनुशासन किसी भी कार्य को ठीक ढंग से करने का एक तरीका है। इसके लिये आपके शरीर और दिमाग पर एक नियंत्रण की जरुरत होती है। कुछ लोगों के पास स्व-अनुशासन प्राकृतिक संपत्ति के रुप में होता है जबकि कुछ को इसे अपने अंदर विकसित करना पड़ता है। अनुशासन में वो दक्षता है कि वो भावनाओं को नियंत्रित कर सकता है और मुश्किलों से पार पाने के साथ ही सही समय पर सही कार्य करने में मदद करता है। बिना अनुशासन के जीवन अधूरा और असफल है। अपने बड़ों और वरिष्ठों का सम्मान करने के द्वारा हमें कुछ नियमों का पालन करना चाहिये।
ये जीवन के सभी कार्यों के लिये एक महत्वपूर्णं यंत्र है चाहे वो घर, कार्यालय, खेल का मैदान या दूसरी जगह हो। अगर हम अनुशासन का पालन न करें तो हमारा जीवन अव्यवस्थित हो जायेगा। इस दुनिया में हर चीज अनुशासित है और अनुशासन के द्वारा संगठित है। हवा, पानी और जमींन हमें जीवन जीने का रास्ता देते है। ये दुनिया, देश, समाज, समुदाय आदि सबकुछ बिना अनुशासन के असंगठित हो जायेगा क्योंकि सब कुछ अनुशासन पर निर्भर है। अनुशासन एक स्वभाव है जो प्रकृति द्वारा प्रदत्त सभी चीजों में उपस्थित है।
अनुशासन पर निबंध 4 (250 शब्द)
अनुशासित व्यक्ति आज्ञाकारी होता है और उसके पास उचित सत्ता के आज्ञा पालन के लिये स्व-शासित व्यवहार होता है। अनुशासन पूरे जीवन में बहुत महत्व रखता है और जीवन के हर कार्यों में इसकी जरुरत होती है। यह सभी के लिये आवश्यक है जो किसी भी प्रोजेक्ट पर गंभीरता से कार्य करने के लिये जरुरी है। अगर हम अपने वरिष्ठों की आज्ञा और नियमों को नहीं मानेंगे तो अवश्य हमें परेशानियों का सामना करना पड़ेगा और असफल भी हो सकते हैं।
हमें हमेशा अनुशासन में होना चाहिये और अपने जीवन में सफल होने के लिये अपने शिक्षक और माता-पिता के आदेशों का पालन करना चाहिये। हमें सुबह जल्दी उठना चाहिये, निययमित दिनचर्या के तहत साफ पानी पीकर शौचालय जाना चाहिये, दाँतों को साफ करने के बाद नहाना चाहिये और इसके बाद नाश्ता करना चाहिये। बिना खाना लिये हमें स्कूल नहीं जाना चाहिये। हमें सही समय पर स्वच्छता और सफाई से अपना गृह-कार्य करना चाहिये। हमें कभी भी अपने माता-पिता की बातों का निरादर, नकारना या उन्हें दुखी नहीं करना चाहिये। हमें अपने स्कूल में पूरे यूनिफार्म में और सही समय पर जाना चाहिये। कक्षा में स्कूल के नियमों के अनुसार हमें प्रार्थना करना चाहिये। हमें अपने शिक्षकों की आज्ञा का पालन करना चाहिये, साफ लिखावट से अपना कार्य करना चाहिये तथा सही समय पर दिये गये पाठ को अच्छे से याद करना चाहिये।
हमें शिक्षक, प्रधानाध्यापक, चौकीदार, खाना बनाने वाले या विद्यार्थियों से बुरा बर्ताव नहीं करना चाहिये। हमें सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिये चाहे वो घर, स्कूल, कार्यालय या कोई दूसरी जगह हो। बिना अनुशासन के कोई भी अपने जीवन में कोई भी बड़ी उपलब्धि प्राप्त नहीं कर सकता। इसलिये अपने जीवन में सफल इंसान बनने के लिये हमें अपने शिक्षक और माता-पिता की बात माननी चाहिये।
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