Chand par 5 lines Hindi mein easy
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चांद पर सबसे पहले कदम रखने वाले वैज्ञानिक का नाम नीलम आर्मस्ट्रांग था। वे 1969 में चांद पर पहुंचे थे। अब तक 12 वैज्ञानिक चाँद पर जा चुके हैं। 1972 के बाद आखरी वार कोई मानव चाँद पर पहुंचा। वैज्ञानिकों ने चांद के बारे में जो तथ्य बताये वो इस प्रकार हैं :

उन्होंने बताया के चांद पर कोई वातावरण नहीं है, वहां पर कोई आवाज़ सुनाई नहीं देती वहां से आकाश सदैव काला दिखाई देता है। हैरानी की बात ये है के चाँद पर वातावरण न होने के कारण सूरज की पराबैंगनी किरणें सीधे इसके भीतर पहुंच जाती हैं। जिससे चाँद पर दिन में तापमान 107 डिग्री सेल्सियस हो जाता है जो के अत्यंत गर्म होता है। रात का तापमान -153 डिग्री सेल्सियस हो जाता है भाव अत्यंत सर्दी। इसीलिए चाँद पर फिलहाल जीवन संभव नहीं है।

उन्होंने बताया के चांद पर कोई वातावरण नहीं है, वहां पर कोई आवाज़ सुनाई नहीं देती वहां से आकाश सदैव काला दिखाई देता है। हैरानी की बात ये है के चाँद पर वातावरण न होने के कारण सूरज की पराबैंगनी किरणें सीधे इसके भीतर पहुंच जाती हैं। जिससे चाँद पर दिन में तापमान 107 डिग्री सेल्सियस हो जाता है जो के अत्यंत गर्म होता है। रात का तापमान -153 डिग्री सेल्सियस हो जाता है भाव अत्यंत सर्दी। इसीलिए चाँद पर फिलहाल जीवन संभव नहीं है।
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