Chandani rat nauvi kaksha ki hindi kavita bhavarth
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चाँदनी रात में सारा वातावरण दिल और दिमाग को शान्तिः देने वाला लगता है, जो ह्दय को आनंदित करता है। वह विभिन्न उदाहरणों द्वारा प्रकृति की सुंदरता की तुलना करते हैं। चंद्रमा को राधा के प्रतिबिम्ब के समान बताते हैं। देव जी ने चाँदनी रात का बहुत मनोहर वर्णन किया है। शरद ऋतू में आसमान साफ़ होता है और चन्द्रमा कांच के टुकड़े की तरह चमकता है, यहाँ वहां कुछ सफ़ेद बदल दिखती देता है , आसमान में और चन्द्रमा इन बादलों के साथ लुका छिपी खेलते हुए दिखाई देता है | चंद्र किरणें धरती पर अपनी अद्भुत छटा बिखेरती है। धरती से आकाश तक स्वच्छ चाँदनी बिछी हुई है। सारा वातावरण इतना आनंदित हो रखा है और ऐसे वातावरण को धरती भी मानों अपनी प्रसन्नता झूमकर अर्थात् पेड़-पौधों के झूमने से व्यक्त कर रही है।
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