Hindi, asked by smritigautam4651, 1 year ago

Chandni Rat Ki Visheshtaye

Answers

Answered by Anonymous
2

Answer:

ऐसा कहा जाता है कि प्रकृति का मानव जीवन पर काफी ज्यादा प्रभाव पड़ता है। यदि आप सूर्य की रोशनी में सुबह बैठते हैं तो वह आप की मानसिक सेहत के लिए काफी अच्छा होता है वहीं यदि आप शाम को सूर्य की रोशनी के सामने बैठे तो वह आपकी सारी थकान को मिटा देता है।

जहां सुबह की सूर्य की रोशनी आपको ऊर्जा से भरने के कार्य में आ सकती है वहीं शाम की सूर्य की रोशनी आपकी थकान मिटाने का कार्य कर सकती है।

Explanation:

सूर्य की रोशनी की तरह चांद की रोशनी भी आपके मस्तिष्क पर काफी ज्यादा असर डालती है, और यदि वह चांदनी की रोशनी हो तो क्या ही कहने। चांदनी की रोशनी में भ्रमण करने से मन की थकान उतर जाती है, शरीर में शीतलता का प्रवाह होता है और मष्तिष्क शान्त हो जाता है।

चांदनी रात में बाहर घूमने के इतने सारे फायदे होने के कारण कल रात को मैं भी चांदनी रात में भ्रमण के इरादे से बाहर निकला था। मैं कानपुर से हूँ और यह मेरे लिए काफी गौरव की बात है कि गंगा का प्रवाह मेरे शहर से होकर जाता है। मेरे अपने शहर में गंगा होने के कारण जब भी मुझे भ्रमण करने का मन होता है तो मैं गंगा के किनारों पर ही चला जाता हूँ। कल रात भी मैंने ऐसा ही किया।

कल पूर्णिमा की रात थी जिस कारण चांदनी पूरे आसमान में छाई हुई थी और चांदनी की रोशनी से पूरी जमीन सफेद चांदी की तरह चमक रही थी। मेरे लिए यह काफी नया अनुभव था क्यूंकि मैंने अब तक चांदनी रात ज्यादा नहीं देखी थी।

चूंकि गंगा मेरे घर से अत्यधिक दूरी पर स्थित नहीं है इसलिए मैंने पैदल गंगा तक जाने का निर्णय लिया। जब मैं घर से निकला तो चारो तरफ चांदनी की सफेद चांदी फैली हुई थी। मुझे उस दिन यह ज्ञात हुआ कि चांदी शब्द की उत्पत्ति यकीनन चांदनी से हुई होगी।

मेरे कदम धीरे धीरे गंगा की ओर बढ़ रहे थे। रात के यही कोई 12-1 के मध्य का समय होगा। चांदनी इस समय में अपने पूरे वैभव में होती है। मैं अपने बढ़ते कदमों के साथ गंगा को धीरे धीरे बड़े होते हुए देख रहा था। अथाह विशाल पानी मेरी आँखों के सामने मुझे नजर आ रहा था। जो कि दूर दूर तक सफेद चांदी सा प्रतीत हो रहा था।

Similar questions