chandrayaan 2 information in hindi
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चंद्रयान-2 लैंडर और रोवर चंद्रमा पर लगभग 70° दक्षिण के अक्षांश पर स्थित दो क्रेटरों मज़िनस सी और सिमपेलियस एन के बीच एक उच्च मैदान पर उतरने का प्रयास करेगा। पहिएदार रोवर चंद्र सतह पर चलेगा और जगह का रासायनिक विश्लेषण करेगा। पहिएदार रोवर चन्द्रमा की सतह पर चलेगा तथा वहीं पर विश्लेषण के लिए मिट्टी या चट्टान के नमूनों को एकत्र करेगा। आंकड़ों को चंद्रयान-2 कक्षयान के माध्यम से पृथ्वी पर भेजा जायेगा।[15][16]
चंद्रयान -1 ऑर्बिटर का मून इम्पैक्ट प्रोब (MIP) 14 नवंबर 2008 को चंद्र सतह पर उतरा, जिससे भारत चंद्रमा पर अपना झंडा लगाने वाला चौथा देश बन गया।[17] यूएसएसआर, यूएसए और चीन की अंतरिक्ष एजेंसियों के बाद, चंद्रयान -2 लैंडर की एक सफल लैंडिंग चंद्रमा पर नरम लैंडिंग हासिल करने वाला भारत चौथा देश होगा। सफल होने पर, चंद्रयान -2 सबसे दक्षिणी चंद्र लैंडिंग होगा, जिसका लक्ष्य 67 ° S या 70 ° अक्षांश पर उतरना होगा।[18]
हालाँकि, लगभग 1:52 बजे IST, लैंडर लैंडिंग से लगभग 2.1 किमी की दूरी पर अपने इच्छित पथ से भटक गया[19] और अंतरिक्ष यान के साथ जमीनी नियंत्रण ने संचार खो दिया।
8 सितंबर 2019 को इसरो द्वारा सूचना दी गई कि ओरबिटर द्वारा द्वारा लिए गए ऊष्माचित्र से विक्रम लैंडर का पता चल गया है। परंतु अभी चंद्रयान-2 से संपर्क नहीं हो पाया है ।
9 सितंबर 2019 को इसरो के चेयरमैन के। सिवन द्वारा सूचना दी गई कि लैंडर पूरी तरह सुरक्षित है। उसमें कोई नुकसान नहीं हुआ है। वैज्ञानिकों द्वारा चंद्रयान-2 से संपर्क साधने की पूरी कोशिश जारी है।[20]
Answer: चंद्रयान २ मून के साउदर्न पोले में उतरा है पर लैंडर विक्रम चांद के सर्फेस पर तिरछी होकर लैंड हुई रोवर उसके अंदर ही है
Explanation:
So isro has made a big record by sending chandrayan 2