CHAPLA DEVI KA SAHITYAK PARICHAY
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चपला देवी द्विवेदी युग की लेखिका हैं। स्वतंत्रता आंदोलन के समय अनेक महिला और पुरुष लेखकों ने अपने लेखन से आज़ादी के आन्दोलन को गति प्रदान करी। चपला देवी उनमें से एक लेखिका रही हैं। अनेक बार कई रचनाकार इतिहास में दर्ज होने से रह जाते हैं, वे उन्हीं में से एक हैं।
उन्होंने बालिका मैना के बलिदान की कहानी को अपनी इस गद्य रचना, 'नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया' में प्रस्तुत किया है। उनकी इस गद्य रचना को रिपोर्ताज का प्रारंभिक रूप कहा जा सकता है।
यह एक ऐतिहासिक सच्चाई है कि 1857 की क्रांति के विद्रोही नाना साहब की पुत्री बालिका मैना आज़ादी की नन्हीं सिपाही थी जिसे अंग्रेजों ने जलाकर मार डाला।
sangeetasharma300619:
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