Hindi, asked by nandinishah503, 10 months ago

chapter 2 hindi mere sang ki aurtein shabad arth class 9​

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Answered by pratyushsharma697
21

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Chapter 2 – मेरे संग की औरतें

Page No 26:

Question 1:

लेखिका ने अपनी नानी को कभी देखा भी नहीं फिर भी उनके व्यक्तित्व से वे क्यों प्रभावित थीं?

Answer:

लेखिका की नानी की मृत्यु उनकी माँ की शादी से पहले हो गई थी परन्तु उनकी माँ के द्वारा उन्होंने नानी के विषय में बहुत कुछ सुन रखा था। बेशक उनकी नानी शिक्षित स्त्री नहीं थीं, न ही कभी पर्दा व घर से बाहर ही गई थीं। परन्तु वे एक स्वतंत्र व्यक्तित्व की स्वामिनी थीं। उनके मन में आज़ादी की लड़ाई करने वालों के लिए विशेष आदर था। यही कारण था कि अपने अंत समय से पहले अपने पति के मित्र से उन्होंने निवेदन किया था कि उनकी पुत्री का विवाह उनके पति की पसंद से न हो, क्योंकि वह स्वयं अंग्रेज़ों के समर्थक थे, बल्कि उनके मित्र करवाएँ। वह अपनी ही तरह आज़ादी का दीवाना ढूँढे। वे देश की आज़ादी के लिए भी जूनून रखती परन्तु कभी घर से बाहर उन्होंने कदम नहीं रखा था।

Question 2:

लेखिका की नानी की आज़ादी के आंदोलन में किस प्रकार की भागीदारी रही?

Answer:

वह प्रत्यक्ष रुप में भले ही आज़ादी की लड़ाई में भाग नहीं ले पाई हों परन्तु अप्रत्यक्ष रुप में सदैव इस लड़ाई में सम्मिलित रहीं और इसका मुख्य उदारहण यही था कि उन्होनें अपनी पुत्री की शादी की ज़िम्मेदारी अपने पति के स्वतंत्रता सेनानी मित्र को दी थी। वह अपना दामाद एक आज़ादी का सिपाही चाहती थीं न कि अंग्रेज़ों की चाटुकारी करने वाले को।

Question 3:

लेखिका की माँ परंपरा का निर्वाह न करते हुए भी सबके दिलों पर राज करती थी। इस कथन के आलोक में –

(क) लेखिका की माँ की विशेषताएँ लिखिए।

(ख) लेखिका की दादी के घर के माहौल का शब्द-चित्र अंकित कीजिए।

Answer:

लेखिका की माँ बेरिस्टर की बेटी थीं। वे अपनी माँ की ही भांति स्वतंत्र व्यक्तित्व की स्वामिनी थीं। उन्होंने कभी भी एक बहू, पत्नी व माँ के कर्तव्यों का पालन नहीं किया था। परन्तु फिर भी वे सारे घर की प्यारी थीं। उनके लिए लेखिका ने कहा है, कभी घर के किसी अन्य सदस्य को शायद ही कुछ कहते सुना हो क्योंकि –

(क) (1) उनकी सबसे बड़ी विशेषता थी कि वे एक ईमानदार स्त्री थीं। वे कभी झूठ नहीं बोलती थीं फिर चाहे कितना कड़वा सच ही क्यों न हो। ये उनके चरित्र की बड़ी विशेषता थी। यही कारण है कि घर के सभी लोग उनका आदर करते थे।

(2) वे कभी किसी की गोपनीय बात कभी दूसरे पर ज़ाहिर नहीं होने देती थीं। जिसके कारण सभी व्यक्ति उनके मित्र थे। उनकी सलाह का सभी सम्मान करते थे।

(ख) लेखिका की दादी के घर का माहौल स्वतंत्रता से परिपूर्ण था। वे अपनी बहुओं व बेटियों पर ताना या उलाहना नहीं देती थीं। उनका घर परिवार की दृष्टि से काफी बड़ा था। उनकी एक परदादी भी थीं। उनके घर में सबको समान अधिकार प्राप्त था। किसी से भी कोई सवाल-जवाब नहीं किया करता था। उनका घर उस समय के परिवेश से सर्वदा भिन्न था। उस समय में उनकी परदादी द्वारा लड़की माँगने से सभी हैरान थे, पर उनकी दादी की यही इच्छा थी।

Question 4:

आप अपनी कल्पना से लिखिए कि परदादी ने पतोहू के लिए पहले बच्चे के रूप में लड़की पैदा होने की मन्नत क्यों माँगी?

Answer:

उनकी दादी भिन्न स्वभाव की स्वामिनी थीं। लेखिका के अनुसार उनकी दादी लोगों से विपरीत ही चला करती थीं। वह सदैव लीक से हटकर बात करती थीं, उन्हें कतार में चलने का शौक नहीं था। परन्तु हमारी समझ से उनकी दादी लड़कियों से बहुत प्यार करती थीं सायद यही वजह रही हो कि वो अपने पतोहू से पहले बच्चे के रुप में कन्या चाहती थीं। पाँच कन्या होने पर भी कभी उन्होंने लेखिका की माँ को ताना या उलाहना नहीं दिया।

Question 5:

डराने-धमकाने, उपदेश देने या दबाव डालने की जगह सहजता से किसी को भी सही राह पर लाया जा सकता है – पाठ के आधार पर तर्क सहित उत्तर दीजिए।

Answer:

लेखिका के अनुसार एक बार उनके घर में चोर घुस आया था। उस पर चोर की ही बदकिस्मती थी कि वह लेखिका की दादी माँ के कमरे में घुस गया। उनकी दादी माँ ने यह जानते हुए भी कि वह चोर है उसको न डराया न धमकाया बल्कि सहजता पूर्वक उसे सुधार दिया। उन्होंने न सिर्फ़ उसके हाथ का पानी पिया अपितु उसी लोटे से पानी पिलाकर उसे अपना बेटा बना लिया। जिसके परिणामस्वरूप उस चोर ने चोरी करना छोड़कर खेतीबाड़ी कर अपना पूरा जीवनयापन किया।

Question 6:

‘शिक्षा बच्चों का जन्मसिद्ध अधिकार है’ – इस दिशा में लेखिका के प्रयासों का उल्लेख कीजिए।

Answer:

लेखिका बच्चों की शिक्षा के प्रति बहुत जागरूक थीं। उनके अनुसार हर बच्चे को शिक्षा पाने का अधिकार था। इसी उद्देश्य से उन्होंने कर्नाटक के छोटे से कस्बे, बागलकोट में बच्चों के लिए जहाँ स्कूल का अभाव था, कैथोलिक बिशप से स्कूल खोलने का आग्रह किया। चूंकि वहाँ क्रिश्चयन बच्चों की संख्या अधिक नहीं थी इसलिए बिशप ने उनकी दरखास्त को नामंजूर कर दिया। लेखिका इससे हताश नहीं हुईं अपितु अपने प्रयासों से उन्होंने तीन भाषाएँ पढ़ाने वाला (अंग्रेज़ी, हिंदी, कन्नड़) स्कूल स्वयं आरंभ कर दिया और उसे वहाँ मान्यता भी दिलवाई।

Question 7:

पाठ के आधार पर लिखिए कि जीवन में कैसे इंसानों को अधिक श्रद्धा भाव से देखा जाता है?

Answer:

जो इंसान सदैव सत्य बोले, ईमानदारी से अपना जीवन व्यतीत करे, दृढ़ निश्चयी हो, दूसरों की बातों की गोपनीयता को दूसरों पर प्रकट न करे, जो सबके साथ समान व्यवहार करे, समाज की भलाई के लिए कार्यरत रहे तथा अपने कर्त्तव्यों से विमुख न हो, ऐसे मनुष्य को श्रद्धा भाव से देखा जाता है।

Answered by thamburastalin
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