chapter mantra by premchndra
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वही हरा-भरा मैदान था,वही सुनहरी चाँदनी एक नि:शब्द संगीत की भाँति प्रकृति पर छायी हुई थी,वही मित्र समाज था।वही मनोरंजन के सामान थे।मगर जहाँ हास्य की ध्वनि थी,वहाँ अब करूण-क्रंदन और अश्रु-प्रवाह था।
प्रश्न=>
'करूण-क्रंदन और अश्रु-प्रवाह' से क्या तात्पर्य है ?
plz help its urgent
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Answered by
4
Hey dear friend ,
Here is your answer ,
करुण क्रुन्दन से तात्पर्य अत्यधिक सजल परिस्थितियों में या अत्यधिक दयनीय भावना से और क्रुन्दन से तात्पर्य रोने या विलाप करने से है ,
अतः करुण क्रुन्दन से तात्पर्य अति दयनीय हालत में रोने या विलाप करने से है ।
अश्रु प्रवाह से तात्पर्य आशुओ का बहने से है ।
Thanks ;) ☺☺☺☺
Here is your answer ,
करुण क्रुन्दन से तात्पर्य अत्यधिक सजल परिस्थितियों में या अत्यधिक दयनीय भावना से और क्रुन्दन से तात्पर्य रोने या विलाप करने से है ,
अतः करुण क्रुन्दन से तात्पर्य अति दयनीय हालत में रोने या विलाप करने से है ।
अश्रु प्रवाह से तात्पर्य आशुओ का बहने से है ।
Thanks ;) ☺☺☺☺
insha919:
are u a girl or a boy....just asking
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