chapter - Netaji ka chashma
class 10th
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प्रश्न उत्तर
नेता जी की मूर्ति पर चश्मा लगाने की कैप्टन की यह मंशा थी, कि वह उन्हें बिना चश्मे के नहीं देख सकता था| उसकी आंखों में नेताजी बिना चश्मे के घटक ते थे| वहीं दूसरी ओर उसका व्यापार भी इसी नेताजी के चश्मे से चलता था|
हमारी गली में एक पानीपूरीवाला फेरी लगाता है| वह सुबह सुबह प्रातः उठकर सबसे पहले हमारे यहां आता है और दिन भर बहुत परिश्रम से अपना कार्य करने में संलग्न में रहता है| उसके पश्चात रात होते ही वह अपने घर अपनी कमाई के साथ चला जाता है| जब अधिक लोगों की भीड़ उसकी फेरी पर आती है तो उस रात वह खुश हो जाता है, क्योंकि उसके बच्चे अब घर पर भोजन कर सकेंगे|
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