Hindi, asked by Anonymous, 9 months ago

Chapter- Surdas, Class-10
Gopiyo ne kis maryada ki baat kahi or kyu? Kya kabhi aapka bhi dhaerya jawaab de jata hai? Anumaan lagakar apne vichaar 80-100 shabdo mein likhiye.
Kahi se jbhi jawaab de do bass sahi hona chahiye, mujhe ni aata!...​

Answers

Answered by Anonymous
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Explanation:

मरजादा न लही’ के माध्यम से गोपियों ने श्री कृष्ण से प्रेम की मर्यादा ना रखने का उलाहना दिया है। जब श्री कृष्ण गोकुल छोड़कर मथुरा गए थे, तो वह गोपियों को वापस आने की बात कह कर गए थे। तब से गोपियां उनके प्रेम में, उनके विरह की आग में जल रही थीं। गोपियों ने अपनी मान-मर्यादा की परवाह ना की। समाज ने उन्हें बुरा भला कहा लेकिन उन्होंने श्री कृष्ण के प्रेम की खातिर सब कुछ सहा और जब श्री कृष्ण मथुरा चले गए तो वह बहुत समय तक वापस ना आए। बाद में उद्धव के माध्यम से गोपियों को प्रेम-साधना त्याग कर योग साधना अपनाने का संदेश भिजवाया। तब गोपियों को ऐसा लगा कि श्रीकृष्ण ने प्रेम की मर्यादा को नहीं निभाया। जिस तरह गोपियों ने उनके प्रति प्रेम का प्रदर्शन किया उसी तरह श्री कृष्ण को भी प्रेम के बदले प्रेम का ही प्रतिदान देना चाहिए था। लेकिन श्री कृष्ण ने गोपियों को प्रेम की जगह योग को अपनाने का संदेश भिजवाया। इस तरह गोपियों के अनुसार श्रीकृष्ण ने प्रेम की मर्यादा ना रखी। यही बात यहाँ पर कही जा रही है।

हाँ, जैसा गोपियों के साथ हुआ वैसा ही हमारे साथ होता तो हमारा भी धैर्य जवाब दे जाता। वैसे जीवन में हमारा भी धैर्य अक्सर जवाब दे जाता है। ऐसा इसलिये होता है क्योंकि अगर हम किसी से कोई आशा रखते हैं, और हमारी वो आशा पूरी नही होती तो हम इसके लिये तैयार नही होते, और हमारा धैर्य जवाब दे जाता है। ये मानवीय स्वभाव होता है कि वो किसी से कोई अपेक्षा रखता है, तो वो मन में ये सोच लेता है, कि उसकी अपेक्षा वो व्यक्ति पूरी करेगा ही। लेकिन व्यवहारिक रूप से ऐसा संभव नही है, किसी व्यक्ति से कोई अपेक्षा रखने पर हो सकता है, कि उस व्यक्ति की कोई मजबूरी हो जिस कारण वो हमारी पूरी न कर पाये। लेकिन हम अपने मन पहले से ही पूर्वाग्रह बना लिया था, कि हमारी अपेक्षा पूरी होनी है, परन्तु पूरा न होने पर हमारा धैर्य जवाब दे जाता है।

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Answered by deepandita2005
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Answer:

1. ‘मरजादा न लही’ के माध्यम से गोपियों ने श्री कृष्ण से प्रेम की मर्यादा ना रखने का उलाहना दिया है। जब श्री कृष्ण गोकुल छोड़कर मथुरा गए थे, तो वह गोपियों को वापस आने की बात कह कर गए थे। तब से गोपियां उनके प्रेम में, उनके विरह की आग में जल रही थीं। गोपियों ने अपनी मान-मर्यादा की परवाह ना की। समाज ने उन्हें बुरा भला कहा लेकिन उन्होंने श्री कृष्ण के प्रेम की खातिर सब कुछ सहा और जब श्री कृष्ण मथुरा चले गए तो वह बहुत समय तक वापस ना आए। बाद में उद्धव के माध्यम से गोपियों को प्रेम-साधना त्याग कर योग साधना अपनाने का संदेश भिजवाया। तब गोपियों को ऐसा लगा कि श्रीकृष्ण ने प्रेम की मर्यादा को नहीं निभाया। जिस तरह गोपियों ने उनके प्रति प्रेम का प्रदर्शन किया उसी तरह श्री कृष्ण को भी प्रेम के बदले प्रेम का ही प्रतिदान देना चाहिए था। लेकिन श्री कृष्ण ने गोपियों को प्रेम की जगह योग को अपनाने का संदेश भिजवाया। इस तरह गोपियों के अनुसार श्रीकृष्ण ने प्रेम की मर्यादा ना रखी। यही बात यहाँ पर कही जा रही है।

Explanation:

मुझे आशा है कि यह उपयोगी है।

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