character sketch of beni madhav singh in bade ghar ki beti by premchand
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2--एक दिन दोपहर के समय लालबिहारी सिंह दो चिड़िया लिये हुए आया और भावज से बोला-जल्दी से पका दो, मुझे भूख लगी है। आनंदी भोजन बनाकर उसकी राह देख रही थी। अब वह नया व्यंजन बनाने बैठी। हाँड़ी में देखा, तो घी पाव-भरसे अधिक न था। बड़े घर की बेटी, किफायत क्या जाने। उसने सब घी मांस में डाल दिया। लालबिहारी खाने बैठा, तो दाल में घी न था, बोला-दाल में घीक्यों नहीं छोड़ा ?आनंदी ने कहा-घी सब मांस में पड़ गया। लालबिहारी जोर से बोला-अभी परसों घी आया है। इतना जल्द उठ गया ?आनंदी ने उत्तर दिया-आज तो कुल पाव-भर रहा होगा। वह सब मैंने मांस में डाल दिया।जिस तरह सूखी लकड़ी जल्दी से जल उठतीहै-उसी तरह क्षुधा से बावला मनुष्य जरा-जरा सी बात पर तिनक जाता है। लालबिहारी को भावज की यह ढिठाई बहुत बुरी मालूम हुई, तिनक कर बोला-मैके में तो चाहे घी की नदी बहती हो !स्त्री गालियाँ सह लेती है, मार भी सह लेती है; पर मैके की निंदा उससे नहीं सही जाती। आनंदी मुँह फेर कर बोली-हाथी मरा भी, तो नौ लाख का। वहाँ इतना घी नित्य नाई-कहार खा जातेहैं।लालबिहारी जल गया, थाली उठाकर पलट दी, और बोला-जी चाहता है, जीभ पकड़ कर खींच लूँ।आनंदी को भी क्रोध आ गया। मुँह लाल हो गया, बोली-वह होते तो आज इसका मजाचखाते।अब अपढ़, उजड्ड ठाकुर से न रहा गया। उसकी स्त्री एक साधारण जमींदार की बेटी थी। जब जी चाहता, उस पर हाथ साफकर लिया करता था। खड़ाऊँ उठाकर आनंदीकी ओर जोर से फेंकी, और बोला-जिसके गुमान पर भूली हुई हो, उसे भी देखूँगा और तुम्हें भी।आनंदी ने हाथ से खड़ाऊँ रोकी, सिर बचगया। पर उँगली में बड़ी चोट आयी। क्रोध के मारे हवा से हिलते पत्ते कीभाँति काँपती हुई अपने कमरे में आ करखड़ी हो गयी। स्त्री का बल और साहस, मान और मर्यादा पति तक है। उसे अपने पति के ही बल और पुरुषत्व का घंमड होता है। आनंदी खून का घूँट पी कर रहगयी।
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बेनी माधव सिंह का पात्र परिचय:-
बेनी माधव सिंह गौरीपुर गांव के जमींदार थे। एक समय में उनके दादा बड़े धन - धान्य से संपन्न थे परंतु बेनी माधव सिंह अपनी आधी से भी अधिक संपत्ति वकीलों को भेंट कर चुके थे और इसकी वजह से अब उनकी आए एक हज़ार रुपए वार्षिक से अधिक न थी। वह एक समझदार व्यक्ति थे। उनके दो पुत्र थे जिनमें से बड़े का नाम श्रीकंठ सिंह था और छोटे पुत्र का नाम लाल बिहारी सिंह था। वे अपने बड़े पुत्र के घर छोड़ जाने की बात से आश्चर्यचकित रह गए तथा उन्होंने उससे बहुत समझाने की कोशिश भी की ताकि वह अपने छोटे भाई को माफ कर दे।
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