Hindi, asked by Anonymous, 11 months ago

Character sketch of father, mother,bunty in the story of aapka bunty by Mannu Bhandari. In hindi pls..

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Answered by Anonymous
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Explanation:

आपका बंटी मन्नू भंडारी के उन बेजोड़ उपन्यासों में है जिनके बिना न बीसवीं शताब्दी के हिन्दी उपन्यास की बात की सकती है, न स्त्री-विमर्श को सही धरातल पर समझा जा सकता है। तीस वर्ष पहले (1970 में) लिखा गया यह उपन्यास हिन्दी के लोकप्रिय पुस्तकों की पहली पंक्ति में है। दर्जनों संस्करण और अनुवादों का यह सिलसिला आज भी वैसा ही है जैसा धर्मयुग में पहली बार धारावाहिक के रूप में प्रकाशन के दौरान था।

बच्चे की निगाहों और घायल होती संवेदना की निगाहों से देखी गई परिवार की यह दुनिया एक भयावह दुःस्वप्न बन जाती है। कहना मुश्किल है कि यह कहानी बालक बंटी की है या माँ शकुन की। सभी तो एक-दूसरे में ऐसे उलझे हैं कि त्रासदी सभी की यातना बन जाती है।

शकुन के जीवन का सत्य है कि स्त्री की जायज महत्वाकांक्षा और आत्मनिर्भरता पुरुष के लिए चुनौती है-नतीजे में दाम्पत्य तनाव से उसे अलगाव तक ला छोड़ता है। यह शकुन का नहीं, समाज में निरन्तर अपनी जगह बनाती, फैलाती और अपना कद बढ़ाती ‘नई स्त्री’ का सत्य है। पति-पत्नी के इस द्वन्द में यहाँ भी वही सबसे अधिक पीसा जाता है जो नितान्त निर्दोष, निरीह और असुरक्षित है-बंटी।

बच्चे की चेतना में बड़ों के इस संसार को कथाकार मन्नू भंडारी ने पहली बार पहचाना था। बाल मनोविज्ञान की गहरी समझ-बूझ के लिए चर्चित, प्रशंसित इस उपन्यास का हर पृष्ठ ही मर्मस्पर्शी और विचारोत्तेजक है।

हिन्दी उपन्यास की एक मूल्यवान उपलब्धि के रूप में आपका बंटी एक कालजयी उपन्यास है।

Answered by DeviIQueen
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Explanation:

आधुनिक समय के महत्वाकांक्षी लोगों और उनके बीच बने अनन्वेषित और अभूतपूर्व तरह के रिश्तों और जनित मनोविज्ञान की बारीकी से पड़ताल करती ये क़िताब हमें उस हिस्से पर ध्यान दिलाती है जहाँ लोग सबसे कम जा पाते है.. बच्चे.. टूटते-बनते रिश्तों और निजी उपलब्धियों से पैदा हुए अहं के बीच पिसते बच्चे.. इस उपन्यास ने जितनी बारीकी से बच्चों की मानसिक स्थिति और चेतना पर अभिभावकों के ईगो क्लैश और उनके रिश्तों पर पड़ते सामजिक असर का निरिक्षण और वर्णन किया है, वो कल्पनातीत है.. सभी वयस्कों के लिए एक बेहद जरूरी उपन्यास..!

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