Hindi, asked by sainidisha400, 1 year ago

character sketch of harihar kaka in hindi

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Answered by CBSEMP
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हरिहर काका स्नेही, भावुक और समझदार व्यक्ति थे। ईश्वर में बहुत श्रद्धा रखते थे इसलिए ठाकुरबारी आते-जाते रहते थे। बहादुर और साहसी थे तभी ठाकुर बारी के साधुओं और अपने भाइयों के अत्याचारों से स्वयं को बचा पाए। उनके व्यक्तित्व में ये ऐसे गुण थे, जो लेखक को सदैव उनसे जोड़ी रखती थी।

 

or
अनपढ़ परंतु अनुभवी व्यक्ति- हरिहर काका अनपढ़ थे फिर भी उन्हें दुनियादारी की बेहद समझ थी। उनके भाई लोग उनसे ज़बरदस्ती ज़मीन अपने नाम कराने के लिए डराते थे तो उन्हें गाँव में दिखावा करके ज़मीन हथियाने वालो की याद आती है। काका ने उन्हें दुखी होते देखा है। इसलिए उन्होंने ठान लिया था चाहे मंहत उकसाए चाहे भाई दिखावा करे , वह ज़मीन किसी को भी नहीं देंगे। एक बार मंहत के उकसाने पर भाइयों के प्रति धोखा नहीं करना चाहते थे परन्तु जब भाइयों ने भी धोखा दिया तो उन्हें समझ में आ गया उनके प्रति उन्हें कोई प्यार नहीं है। जो प्यार दिखाते हैं वह केवल ज़ायदाद के लिए है।

2. हँसमुख- हरिहर काका एक हँसमुख व्यक्ति थे। वह अकेले होते हुए भी दुखी चेहरा नहीं रखते थे। लेखक को उनके मुख की हँसी याद रहती है।

3. अंतर्मुखी- अपने साथ हुए हादसों ने उन्हें इतना तोड़ दिया कि वह चुप रहने लगे। उनकी चुप्पी से और खाली आँखें सब कुछ बयान कर जाती थी। उनमें दर्द और दुख इस प्रकार दिखाई देता है कि लेखक तक डर गया था। उनकी चुप्पी इस बात का प्रमाण थी कि वह अंदर ही अंदर घुट रहे थे। परन्तु वह किसी को कुछ कहते नहीं थे।

Answered by sreesubha20
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1. अनपढ़ परंतु अनुभवी व्यक्ति- हरिहर काका अनपढ़ थे फिर भी उन्हें दुनियादारी की बेहद समझ थी। उनके भाई लोग उनसे ज़बरदस्ती ज़मीन अपने नाम कराने के लिए डराते थे तो उन्हें गाँव में दिखावा करके ज़मीन हथियाने वालो की याद आती है। काका ने उन्हें दुखी होते देखा है। इसलिए उन्होंने ठान लिया था चाहे मंहत उकसाए चाहे भाई दिखावा करे वह ज़मीन किसी को भी नहीं देंगे। एक बार मंहत के उकसाने पर भाइयों के प्रति धोखा नहीं करना चाहते थे परन्तु जब भाइयों ने भी धोखा दिया तो उन्हें समझ में आ गया उनके प्रति उन्हें कोई प्यार नहीं है। जो प्यार दिखाते हैं वह केवल ज़ायदाद के लिए है।
2. हँसमुख- हरिहर काका एक हँसमुख व्यक्ति थे। वह अकेले होते हुए भी दुखी चेहरा नहीं रखते थे। लेखक को उनके मुख की हँसी याद रहती है।
3. अंतर्मुखी-परन्तु अपने साथ हुए हादसों ने उन्हें इतना तोड़ दिया कि वह चुप रहने लगे। उनकी चुप्पी से और खाली आँखें सब कुछ बयान कर जाती थी। उनमें दर्द और दुख इस प्रकार दिखाई देता है कि लेखक तक डर गया था। उनकी चुप्पी इस बात का प्रमाण थी कि वह अंदर ही अंदर घुट रहे थे। परन्तु वह किसी को कुछ कहते नहीं थे।

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