Hindi, asked by Anonymous, 7 months ago

Character sketch of lala zhaulal 's wife from akbari lota class 8 vasant

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Answered by Anonymous
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अकबरी लोटा – व्याख्या –

लाला झाऊलाल को खाने-पीने की कमी नहीं थी। काशी के ठठेरी बाजार में मकान था। नीचे की दुकानों से एक सौ रुपये मासिक के करीब किराया उतर आता था। अच्छा खाते थे, अच्छा पहनते थे, पर ढ़ाई सौ रुपये तो एक साथ आँख सेंकने के लिए भी न मिलते थे।

मासिक – महीने

लेखक कहते हैं कि लाला झाऊलाल को खाने-पीने की कोई कमी नहीं थी। अच्छे खाते पीते परिवार से थे और व्यवसाय भी अच्छा खासा चल रहा था। काशी के ठठेरी बाजार में मकान था। मकान के नीचे बनी दुकानों से महीने के करीब एक सौ रुपये किराया आ जाता था। अर्थात् उन्हें किसी तरह की कमी नहीं थी अच्छा व्यवसाय था, अच्छा बड़ा मकान था, और मकान की दुकानों का एक सौ रुपये के करीब किराया भी आ जाता था तो गुजरा अच्छे से हो जाता था। परन्तु फिर भी एक साथ ढ़ाई सौ रूपए होना बहुत बड़ी बात थी।

इसलिए जब उनकी पत्नी ने एक दिन एकाएक ढाई सौ रुपये की माँग पेश की, तब उनका जी एक बार जोर से सनसनाया और फिर बैठ गया। उनकी यह दशा देखकर पत्नी ने कहा- ‘डरिए मत, आप देने में असमर्थ हों तो मैं अपने भाई से माँग लूँ|

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