Charitra chitran of बेनी माधव
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बेनी माधव का चरित्र चित्रण —
‘बड़े घर की बेटी’ कहानी में एक पात्र बेनी माधव सिंह गौरीपुर गांव के जमींदार थे। उनके बाप-दादा किसी समय बड़े संपन्न थे लेकिन धीरे-धीरे उनकी संपन्नता जाती रही और बेनी माधव सिंह के समय तक स्थिति बदल चुकी थी। अब वह इतने बड़े जमीदार नहीं रह गए थे। उनकी आधी से ज्यादा संपत्ति मुकदमे व कचहरी के वाद-विवादों में वकील की फीस की भेंट चढ़ चुकी थी। उनकी आर्थिक स्थिति कोई बहुत बेहतर नहीं थी।
बेनी माधव सिंह के दो बेटे थे। बड़े बेटे का नाम श्रीकंठ सिंह और छोटे बेटे का नाम लाल बिहारी सिंह था। बड़े बेटे श्रीकंठ बीए पास था। जबकि छोटा बेटा पहलवानी का शौक रखता था। बेनी माधव सिंह स्वभाव से ना तो कोई बहुत अच्छे और ना ही कोई बहुत बुरे व्यक्ति थे। वह अपनी बहू आनंदी का सम्मान तो करते थे लेकिन बेनी माधव पुरुष प्रधान समाज के पक्षधर थे। वे स्त्रियों को समाज में बराबरी का दर्जा नहीं देना चाहते थे और जब आनंदी का लाल बिहारी से विवाद हुआ तो उन्होंने तो उन्हें आनंदी का लाल बिहारी से उलझना अच्छा नहीं लगा और उन्होंने अपने छोटे बेटे लाल बिहारी का साथ अधिक दिया। ये उनकी पुरुष प्रधान सोच को दर्शाता है। हालांकि बेनी माधव सिंह आनंदी से बहुत खराब व्यवहार नही करते थे।
बेनी माधव एक समझदार व्यक्ति भी थे और जब उनके बड़े बेटे श्रीकंठ ने आनंदी की शिकायत छोटे बेटे लाल बिहारी को निकालने का फरमान सुनाते हुए कहा कि अब मेरा निर्वाह न होगा, तो उन्होने श्रीकंठ को समझाने की बहुत कोशिश की। वे अपने बड़े बेटे श्रीकंठ को बहुत मानते थे।