Charitra chitran of ingineer babu baat athani ki
Answers
Answered by
103
"बात अट्ठन्नी की" कहानी में मुख्य चरित्र रसीला एक इंजिनियर बाबू के यहाँ नौकेर था|
इंजिनियर का नाम बाबू जगतसिंह था| हालांकि रसीला उनके यहाँ बहुत साल काम कर चुका था, वह कभी उसका वेतन उसके निवेदन आर्न के बाद भी नही बढ़ते| वह खड़ूस और कंजूस थे, लेकिन उनको मिठाई का बड़ा शौक था|
जब भी कुच्छ अच्छा होता, वह रसीला के हातों मिठाई मँगवाते| एक ऐसे दिन, जब एक आदमी एक ज़रूरी काम से आया था, इंजिनियर बाबू ने उनको रिश्वत माँगी| जब उस ग्राहक ने ५०० का सौदा किया, इंजिनियर बाबू नाराज़ होकर बोले, "बस ५०० रुपये? इससे तो आप मुझे बदनाम कर रहे हैं!"
इससे यह पता चलता है की इंजिनियर बाबू लालची भी थे|
जब सौदा पक्का हो गया, इंजिनियर बाबू ने रसीला को ५ रुपये दिए और बोले की दुकान से मिठाई ले आ| रसीला ने सोचा की जो उस पर जो अठन्नी का क़र्ज़ था वो इन पैसों से भर लेगा| इस ही सोच से वह दुकान से ४ रुपये और ८ आने की मिठाई ले आया|
जब इंजिनियर बाबू को यह पता चला की रसीला ने ५ रुपये की मिठाई नही, ४ रुपयए की लाई है, वह गुस्सा हो गये| उनके आँखों से आग बरस रही थी| वह उसके मूह पर एक तमाचा लगाए और पोलीस थाने ले गये| वहाँ पर उन्होने सिपाही को ५ रुपये की रिश्वत गी और कहा "समझा देना, लातों के भूत बातों से नही मानते!" और चले गये|
बेचारे रसीला को एक आठ आने के लिए पाँच रुपये रिश्वत देकर जैल में डाल दिया गया| समस्त, इंजिनियर बाबू एक लालची, कंजूस और ख़ुदग़र्ज़ व्यक्ति थे|
This is just a rough sketch that I'd written. The one in bold is something that I felt was important. The one not in bold is not important much. You can customize and add some more points (recommended).
इंजिनियर का नाम बाबू जगतसिंह था| हालांकि रसीला उनके यहाँ बहुत साल काम कर चुका था, वह कभी उसका वेतन उसके निवेदन आर्न के बाद भी नही बढ़ते| वह खड़ूस और कंजूस थे, लेकिन उनको मिठाई का बड़ा शौक था|
जब भी कुच्छ अच्छा होता, वह रसीला के हातों मिठाई मँगवाते| एक ऐसे दिन, जब एक आदमी एक ज़रूरी काम से आया था, इंजिनियर बाबू ने उनको रिश्वत माँगी| जब उस ग्राहक ने ५०० का सौदा किया, इंजिनियर बाबू नाराज़ होकर बोले, "बस ५०० रुपये? इससे तो आप मुझे बदनाम कर रहे हैं!"
इससे यह पता चलता है की इंजिनियर बाबू लालची भी थे|
जब सौदा पक्का हो गया, इंजिनियर बाबू ने रसीला को ५ रुपये दिए और बोले की दुकान से मिठाई ले आ| रसीला ने सोचा की जो उस पर जो अठन्नी का क़र्ज़ था वो इन पैसों से भर लेगा| इस ही सोच से वह दुकान से ४ रुपये और ८ आने की मिठाई ले आया|
जब इंजिनियर बाबू को यह पता चला की रसीला ने ५ रुपये की मिठाई नही, ४ रुपयए की लाई है, वह गुस्सा हो गये| उनके आँखों से आग बरस रही थी| वह उसके मूह पर एक तमाचा लगाए और पोलीस थाने ले गये| वहाँ पर उन्होने सिपाही को ५ रुपये की रिश्वत गी और कहा "समझा देना, लातों के भूत बातों से नही मानते!" और चले गये|
बेचारे रसीला को एक आठ आने के लिए पाँच रुपये रिश्वत देकर जैल में डाल दिया गया| समस्त, इंजिनियर बाबू एक लालची, कंजूस और ख़ुदग़र्ज़ व्यक्ति थे|
This is just a rough sketch that I'd written. The one in bold is something that I felt was important. The one not in bold is not important much. You can customize and add some more points (recommended).
duragpalsingh:
Nice Hindi!!!! :P
Answered by
20
बाबू जगतसिंह पेशगी से इंजीनियर है। वे लालची ओर कंजूस है। रिश्वत देने और लेने में कीच किचाते नही है। उनके मन मे नोकरी के प्रति कोई सम्मान की भावना नही है। वे कठोर दिल के मालिक केवल आठ आने के लिए अपने वफादार नोकर को पिटवाना व चोरी काबुल करवाने के लिए सिफही को पाँच रुपए की रिश्वत देते है और जिस नोकर ने लंबे समय तक उनके सेवा की उसके प्रति वे जरा भी दया भाव नही दिखाते। उन्हें सिर्फ अपने से ही प्यार है। वो एक स्वार्थी व्यक्ति है।
Similar questions