Charo dishayen kab Lal Rang ki hoti hai
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हवा के चलने को आज भी भारत में उसे उसी दिशा का नाम दे दिया जाता है जैसे- पूर्व से चलने वाली हवा को पुरवाई इसी प्रकार अन्य दिशाओं में चलने वाली हवाओं का नाम होता है। प्रत्येक मानव जब भी चलता है किसी न किसी दिशा में ही चलता है बिना दिशा वह कभी चल ही नहीं सकता या तो वह सही दिशा में जाएगा या गलत दिशा में, गलत दिशा में चलने वाले को दिशाहीन, पथ भ्रष्ट की संज्ञा दी जाती है। फिलहाल हम बात कर रहे हैं वास्तु की दिशा और उनके देवताओं की....
- उत्तर दिशा के देवता कुबेर हैं जिन्हें धन का स्वामी कहा जाता है और सोम को स्वास्थ्य का स्वामी कहा जाता है। जिससे आर्थिक मामले और वैवाहिक व यौन संबंध तथा स्वास्थ्य प्रभावित होता है।
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