Chetrafal ka shadis Se Kya tatparya Hai
Answers
Answered by
2
हिंदू धर्म में व्रत-उपवास के साथ ही प्रमुख तिथियों पर तीर्थ क्षेत्र में स्नान करने का विधान है। इनमें भी प्रयाग स्नान की अगाध महिमा है। व्रत दो श्रेणियों में विभाजित किए जा सकते हैं काम्य एवं नित्य। काम्य व्रत किसी विशेष अभिलाषा अथवा मनोकामना की पूर्ति के लिए किए जाते हैं। संतान लाभ, धन-प्राप्ति, पद लाभ आदि अभीष्ट फलों के लिए जो व्रत किए जाते हैं उन्हें काम्य व्रत कहा जाता है। नित्य व्रत वे हैं जो किसी अभिलाषा की पूर्ति के उद्देश्य से नहीं किए जाते वरन आध्यात्मिक उदात्त प्रेरणा से भक्ति एवं प्रेम के लिए किए जाते हैं। काम्य व्रत आसक्ति से प्रकट होते हैं, नित्य व्रत निरासक्ति एवं जन कल्याण की भावना से। नित्य व्रत का पालन ही निष्काम कर्म योग है अत: इसका स्थान सर्वोपरि है। नित्य व्रत का व्रती कहता है-
न त्वहं कामये राज्यं न स्वर्ग न पुनर्भवम।
कामये दुख-तप्तानां प्राणिनां आत्र्तिनाशनम।।
न त्वहं कामये राज्यं न स्वर्ग न पुनर्भवम।
कामये दुख-तप्तानां प्राणिनां आत्र्तिनाशनम।।
Similar questions
Computer Science,
7 months ago
Math,
7 months ago
English,
7 months ago
Environmental Sciences,
1 year ago
English,
1 year ago