छुआछूत की भावना हमारे समाज में न हों तो हमारा देश विश्वगुरु हो सकता है। रैदास के 'पद' के आधार पर सपष्ट कीजिए।
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Raidas is pad mein kehate hai ki hamare samaj mein chuachut ki bhavana rakhne wale log aj bhi hai jo logon ko apne marg de bhatka dete hai aur jo log bhatak jate hai unpar tu kripa banaye rakhta hai
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रैदास
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रैदास इस पद के माध्यम से कहना चाहते हैं कि हमारे देश में हमारे समाज में आज भी कुछ ऐसे लोग हैं जो पुरानी सोच वाले हैं और उनकी सोच से हमारा देश वही का वही टिका हुआ है और उनकी इस गलत सोच से हमारा देश कमजोर हो सकता है। छुआछूत की भावना गलत है। आज जो भी छुआछूत की भावना रखते हैं वह अक्सर अपने मार्ग से भटक जाते हैं
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