(छ) अपने पैरों तले की घास को मैं
पहन रखा था।
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) घास के हरे तिनकों ने उन मोतियों का
की छाया करते हुए अमलतास को देखा।
ग) आसमान जितना ऊँचा होकर भी अमलतास किसी का
(घ) आज उस गंदे केंचुए में उसे अद्भुत
छोटी नहीं, पर इसे सहकर तो तुम और भी बड़े हो जाओगे।
तन को सिकोड़कर धीरे-से फैलाया।
(ख) उसने अपने सिर पर
नहीं समझता।
दिखाई दिया।
(ङ) केंचुए ने अपने
(च) तुम्हारी
की नज़र से देखता था।
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