छोड़ो मत अपनी आन , सीस कट जाए | मत झुको अनय पर,भले व्योम ही फट जाए ||-पंक्तियों में प्रयुक्त रस का स्थायीभाव है -
हास
उत्साह
विस्मय
घृणा
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Vismay
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