(छ) निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से ढूँढकर लिखिा..
यह बुरा है या कि अच्छा,
व्यर्थ दिन इस पर बिताना,
अब असंभव छोड़ यह पथ
दूसरे पर पग बढ़ाना।
तू इसे अच्छा समझ,
यात्रा सरल इससे बनेगी
सोच मत केवल तुझे ही
यह पड़ा मन में बिठाना।
1. किस बात पर दिन बिताना व्यर्थ है?
2. क्या समझने से पथिक की यात्रा सरल बनेगी?
3. 'सोच मत केवल तुझे ही यह पड़ा मन में बिठाना' पंक्ति के माध्यम से कवि क्या समझाना चाहते हैं?
Please answer me
do in notebook and give me answer
Answers
1 - किसी भी कार्य को करने से पहले हम सोचते हैं काली बुरा है अच्छा इस पर कभी ने कहा कि यह बुरा है अच्छा यह सोचने में वक्त व्यर्थ ना करें तथा उस काम को शीघ्र करें कवि कबीर जी ने इस अपने दोहे में प्रस्तुत किया है कि काल करे सो आज कर आज करे सो अब पल में प्रलय होएगी बहुरि करेगा कब।
2 - कवि कहते हैं की अब असंभव छोड़ यात्रा सरल इससे बनेगी इंसान को यह नहीं सोचना चाहिए कि यह कार्य संभव है क्योंकि जीवन में हर कार्य संभव है मनुष्य को हमें सोचना चाहिए कि मनुष्य की आत्मविश्वास बढ़ कर कोई कार्य नहीं है मनुष्य अपने आत्मविश्वास के बल पर हर कार्य को कर सकता है।
3 - सोच मत पड़ा मन में है बिठाना इस पंक्ति के माध्यम से कभी कहना चाहते हैं कि अपने मन में हमें यह नहीं बढ़ाना चाहिए यह कार्य हम से नहीं होगा जैसे हमें मनुष्य को अगर कोई कार्य कठिन लगता है तो अपने आप से कहता है कि यह कार्य हम से नहीं होगा जो गलत है मनुष्य हर कार्य को कर सकता है उसे हमेशा यह सोचना चाहिए यह कार्य सिर्फ मुझसे ही होगा अन्यथा किसी और से नहीं।