छानदि बाज का संसान अर्द डाषिक पाता। अर्द्धवाधिक ती के लिए ताकि दर पर उटा लिए 2000 रूपों के कर्ष का भुगतान करने गी के लिष्ट फिल्मी शशि देनी पड़ेगी
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अब मैं संत और असंत दोनों के चरणों की वन्दना करता हूँ, दोनों ही दुःख देने वाले हैं, परन्तु उनमें कुछ अन्तर कहा गया है। वह अंतर यह है कि एक (संत) तो बिछुड़ते समय प्राण हर लेते हैं और दूसरे (असंत) मिलते हैं, तब दारुण दुःख देते हैं। (अर्थात् संतों का बिछुड़ना मरने के समान दुःखदायी होता है और असंतों का मिलना
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