छापेखाने न होने से किताबों के लेखन में कौन-सी समस्या आती थी?
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Explanation:
(i) किताबों की बढ़ती माँग हस्तलिखित पांडुलिपियों से पूरी नहीं हो रही थी।
(ii) नकल उतारना बेहद खर्चीला।
(iii) पांडुलिपियाँ अक्सर नाजुक होती भी उनके लाने - ले जाने रख - रखाव में तमाम मुश्किलें थी।
(iv) इनका चलन सीमित रहा।
hope it helps you dear ☺️
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