Hindi, asked by dhruvpatil654321, 6 months ago

छापा मारने वालों वालों द्वारा कवि से मांगी गई चीजें​

Answers

Answered by goswamisunita509
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Explanation:

16जुलाई 1934 को लखनऊ से प्रकाशित अर्धमासिक पत्र ‘सुधा’ में निराला का एक लेख छपा, किसान और उनका साहित्य. निराला ने लिखा, ‘अब किसानों और मजदूरों का युग है. देश की सच्ची शक्ति इसी जगह है. जब तक किसानों और मजदूरों का उत्थान न होगा, तब तक सुख और शांति का केवल स्वप्न देखना है. पर यह कार्य जितना सीधा दिखाई देता है, इसका करना उतना ही कठिन है.’ (निराला रचनावली, खंड 6, पेज. 458)

प्रेमचंद की कहानियों में पूस की रात खुले में बिताता हुआ हलकू निराला के यहां भी मौजूद है. ‘अस्थिर सुख पर दुःख की छाया’ में अपना पेट काट-काटकर दूसरों के लिए जीता हुआ. बादलों को पुकारता हुआ.

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