छोटे भाई को कुसंगति से बचने के लिए पत्र
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प्रिय भाई दीप ,
स्नेह ।
आशा करता हूँ कि तुम सकुशल होगे । छात्रावास में तुम्हारा मन लग गया होगा। बड़ा भाई होने के नाते मैं तुमसे यह कहना चाहता हूँ कि तुम समय का भरपूर सदुपयोग करना। मैं तुम्हारा ध्यान कुसंगति के कुप्रभाव की ओर आकृष्ट कर रहा हूँ। कुसंगति एक संक्रामक रोग की भाँति हैं। जब यह रोग किसी को लग जाता हैं, तो वह बड़ी कठिनाई से ही उससे मुक्त हो पाता हैं। तुम्हे अधिक से अधिक परिश्रम करना है तथा भविष्य में अपने मित्रों का चयन भी काफी समझदारी से करना होगा । कुसंगति से दूर रहना है। कुसंगति में पड़ कर अपने जीवन को बर्बाद कर देते हैं। जिस प्रकार एक गन्दी मछली तालाब के सारे पानी को गन्दा कर देती है वैसे ही एक गन्दा मित्र जीवन की दिशा ही बदल देता है। अतः इससे बचने का प्रयास करना ।
तुम्हारा बड़ा भाई,
शाश्वत
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please mark me brainlly
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