छोटे भाई को मन लगाकर पढने के लिए पत्र
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ढ़ाई पर ध्यान देने के लिए छोटी बहन को पत्र |
मुम्बई
15 अप्रैल 2003
प्रिय बहन,
हार्दिक प्यार,
तुम्हारी कुशलता की सदा कामना है । तुम्हारी पढ़ाई के विषय में तुम्हारे विद्यालय के प्रिंसिपल की रिपोर्ट कल ही मिली । रिपोर्ट देखकर माताजी और पिताजी अत्यंत चिंतित हैं । साप्ताहिक जाँच परीक्षाओं में तुम्हें किसी भी विषय में अच्छे अंक नहीं मिले हैं । इससे पता चलता है कि आजकल तुम अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान न देकर खेल-कूद में अधिक व्यस्त रहती हो ।
मुझसे ज्यादा भला तुम्हें कौन जानता है ? तुम्हारे अंक देखकर ही मैं समझ गया था कि तुम्हारे बातूनीपन (talkativeness) के कारण तुम्हें कई सहेलियों (friends) मिल गईं होंगी और तुम उनके साथ अधिक समय खेलकूद और बातचीत में लगाती होगी । यह सब करना अच्छी बात है, किन्तु पहले अपनी पढ़ाई का काम पूरा कर लेना चाहिए जिससे तुम्हारे अंक भी अच्छे आते रहें ।
आशा है तुम मेरी बात ठीक प्रकार से समझ गई होगी । अपने स्वास्थ्य के बारे में बराबर लिखती रहना ।
तुम्हारा भैया
‘क’
मुम्बई
15 अप्रैल 2003
प्रिय बहन,
हार्दिक प्यार,
तुम्हारी कुशलता की सदा कामना है । तुम्हारी पढ़ाई के विषय में तुम्हारे विद्यालय के प्रिंसिपल की रिपोर्ट कल ही मिली । रिपोर्ट देखकर माताजी और पिताजी अत्यंत चिंतित हैं । साप्ताहिक जाँच परीक्षाओं में तुम्हें किसी भी विषय में अच्छे अंक नहीं मिले हैं । इससे पता चलता है कि आजकल तुम अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान न देकर खेल-कूद में अधिक व्यस्त रहती हो ।
मुझसे ज्यादा भला तुम्हें कौन जानता है ? तुम्हारे अंक देखकर ही मैं समझ गया था कि तुम्हारे बातूनीपन (talkativeness) के कारण तुम्हें कई सहेलियों (friends) मिल गईं होंगी और तुम उनके साथ अधिक समय खेलकूद और बातचीत में लगाती होगी । यह सब करना अच्छी बात है, किन्तु पहले अपनी पढ़ाई का काम पूरा कर लेना चाहिए जिससे तुम्हारे अंक भी अच्छे आते रहें ।
आशा है तुम मेरी बात ठीक प्रकार से समझ गई होगी । अपने स्वास्थ्य के बारे में बराबर लिखती रहना ।
तुम्हारा भैया