छाते की आत्मकथा विषय पर निबंध लिखिए
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छाते की आत्मकथा
दोस्तों, यह लेख एक छाता की आत्मकथा पर है, जिसकी बरसात के मौसम में हमें सबसे अत्यधिक आवश्यकता होती है। छाता हमें न सिर्फ बरसात के मौसम में भीगने से बचाती है बल्कि इसका उपयोग हम गर्मी के मौसम में भी करते हैं। गर्मी के मौसम में, छाता के उपयोग से सूर्य की गर्मी की तीव्रता कम हो जाती है। चलिए, अब इस लेख को पढ़ना शुरू करते हैं।मैं एक छाता हूं, जिसका उपयोग आप वर्षा होने पर अवश्य करते होंगे। कुछ लोग तो मुझे गर्मी से बचने के लिए भी उपयोग में लाते हैं और गर्मी के मौसम में मैं उन्हें गर्मी से बचाने का पूरा प्रयास भी करती हूं। मैं गर्मी के मौसम में सूरज की गर्मी को अपने अंदर समा लेती हूं और उसे अपने से आगे नहीं बढ़ने देती हूं। वहीं वर्षा के मौसम में मैं वर्षा की बूंदों को अपने आप से पार नहीं होने देती हूं, जिसके परिणामस्वरूप मुझे उपयोग करने वाले हमेशा इन दोनों अवस्थाओं से बचे रहते हैं।