Hindi, asked by kaliyadodiyar50, 1 month ago

छूटी न शिशुता की झलक, झलक्यो यौवन अंग। दीपति देह दुहूँन मिलि, दिपति तापता रंग ।। लाल अलौकिक लरिकई, लखि लखि सखी सिंहति। आजकाल में देखियत, उर उकसोंही भाँति ।।​

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Answered by pritamsinghrbn501
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उत्तर : मुझे उम्मीद है उत्तर से आपको मदद मिलेगी

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