Hindi, asked by shubhamahirwal437, 3 months ago

छात्र जीवन में nibandh​

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Answered by hrishiamin16
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Explanation:

विद्यार्थी जीवन बहुत ही संघर्ष शील होता है।विद्यार्थी जीवन 5 वर्ष की अवस्था से शुरू होकर युवा वस्था में पूर्ण रूप से सम्पन्न होता है।विद्या को प्राप्त करने वाले जीवन को विद्यार्थी जीवन कहते हैं।एक विद्यार्थी का जीवन कठिन परिस्थितियों से होकर गुजरता है। विद्यार्थी लगातार अपने जीवन में शिक्षा को प्राप्त करने के लिए दिन रात मेहनत और लगन के कारण अपने सपनों को साकार करता है।

विद्यार्थी लगातार अपने जीवन में शिक्षा को प्राप्त करने के लिए दिन रात मेहनत और लगन के कारण अपने सपनों को साकार करता है।विद्यार्थी जीवन में उसको सर्दी गर्मी ,बरसात जैसी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।विद्यार्थी अपने आपको आत्म संयमित और दृढ़ संकल्पित रखता है और अपने मार्ग में आई हुई परिस्थितियों से नहीं भटकता है।

विद्यार्थी लगातार अपने जीवन में शिक्षा को प्राप्त करने के लिए दिन रात मेहनत और लगन के कारण अपने सपनों को साकार करता है।विद्यार्थी जीवन में उसको सर्दी गर्मी ,बरसात जैसी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।विद्यार्थी अपने आपको आत्म संयमित और दृढ़ संकल्पित रखता है और अपने मार्ग में आई हुई परिस्थितियों से नहीं भटकता है।विद्यार्थी जीवन में छात्र को सही गलत, वैध अवैध, नैतिक अनैतिक, व्यवहार दुर्व्यवहार के फर्क को अच्छी प्रकार से सिखाया जाता है।एक अच्छे विद्यार्थी का पहला गुण अनुशासन होता है।वह अनुशासन में रह कर अपने माता पिता, गुरुजनों के आदेशों का पालन करते हुए एक अनुशासित विद्यार्थी होने का कर्तव्य निभाता है।ये कर्तव्यनिष्ठा ही उसको आगे के मार्ग पर चलने के लिए प्रशस्त करती है।

विद्यार्थी लगातार अपने जीवन में शिक्षा को प्राप्त करने के लिए दिन रात मेहनत और लगन के कारण अपने सपनों को साकार करता है।विद्यार्थी जीवन में उसको सर्दी गर्मी ,बरसात जैसी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।विद्यार्थी अपने आपको आत्म संयमित और दृढ़ संकल्पित रखता है और अपने मार्ग में आई हुई परिस्थितियों से नहीं भटकता है।विद्यार्थी जीवन में छात्र को सही गलत, वैध अवैध, नैतिक अनैतिक, व्यवहार दुर्व्यवहार के फर्क को अच्छी प्रकार से सिखाया जाता है।एक अच्छे विद्यार्थी का पहला गुण अनुशासन होता है।वह अनुशासन में रह कर अपने माता पिता, गुरुजनों के आदेशों का पालन करते हुए एक अनुशासित विद्यार्थी होने का कर्तव्य निभाता है।ये कर्तव्यनिष्ठा ही उसको आगे के मार्ग पर चलने के लिए प्रशस्त करती है।एक कर्तव्यनिष्ठ विद्यार्थी ही कठिन संघर्ष करके परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर अपने विद्यालय, गुरुजनों और अपने माता पिता का सिर गर्व से ऊंचा रखता है।ये सभी उपलब्धियां उसको उच्च शिक्षा के लिए प्रेरणा देती हैं।

विद्यार्थी जीवन का महत्व-:   

विद्यार्थी के जीवन में विद्यार्थी जीवन  के समय का विशेष महत्व होता है। विद्यार्थी अपने छात्र जीवन में शिक्षा के महत्व को ठीक प्रकार से समझता है।जब एक विद्यार्थी विद्यालय में प्रवेश करता है तो उसका मुख्य उद्देश्य ज्ञान अर्जित करना होता है।

जब वह विद्यालय जाता है तो वहां पर उसको नए शिक्षक नए सहपाठी ओर एक स्वच्छ वातावरण मिलता है।वहाँ पर वह एकाग्रचित होकर विद्या अध्ययन करता है।छात्र जीवन बहुत ही चंचल होता है।उसके मन में नित नए विचार आते हैं।

वे विचार नकारात्मक और सकारात्मक दोनों ही प्रकार के होते हैं। छात्र अपने गुरुजनों के  द्वारा सिखाये गए सकारात्मक विचारों का मार्गदर्शन करता है।अगर किसी तरह से विद्यार्थी अपने छात्र जीवन के महत्व को  नहीं समझ पाता है तो उसका भुगतान उसे जीवन भर भुगतना पड़ता है

इस प्रकार से वह  गलत कार्यों का शिकार हो जाता है और उसके छात्र जीवन का कोई महत्व नही रह जाता है।

आधुनिक विद्यार्थी जीवन-:     

वर्तमान समय में छात्र आधुनिक शिक्षा प्रणाली की ओर अग्रसर हो रहे हैं। शिक्षा का स्तर दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है। आज के छात्र उच्च शिक्षा तो प्राप्त करना चाहते हैं लेकिन विद्यालयों के नियमों और अनुशासनों का पालन नहीं करना चाहते हैं।

शिक्षा का स्तर दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है। आज के छात्र उच्च शिक्षा तो प्राप्त करना चाहते हैं लेकिन विद्यालयों के नियमों और अनुशासनों का पालन नहीं करना चाहते हैं।इस प्रकार की सोच रखने के कारण उनका शिक्षा के प्रति लगाव कम हो जाता हैऔर उनका मन छात्र जीवन में  ही बाहरी दुनिया में भटकने लगता है। वह नित नए शोकों में पड़ जाता है ।सिनेमा देखने ,क्रकेट खेलने और  सोशल मीडिया में व्यस्त हो जाता है।

बिना संघर्ष  किये हुए ही नकल करके परीक्षा पास करने की इच्छा रखता है।वह आलस्य का पुजारी हो जाता है।वह परीक्षा में असफल हो जाता है।इस प्रकार से वह अपने ही हाथों से अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार लेता है।आधुनिक विद्यार्थी जीवन में शिक्षा प्रणाली सरल और सुगम हो गई है।

आज के समय में विद्यार्थी को शासन के द्वारा सभी प्रकार की शैक्षिक  सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं जिससे विद्यार्थी अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सके।विद्यार्थियों को विद्यालयों , शिक्षण संस्थानों के नियमों और अनुशासनों का विधि पुर्वक पालन करना चाहिए।विद्या छात्र का निजी धन होता है जिसे कोई चुरा नहीं सकता, कोई भी छीन नहीं सकता और पारिवारिक बंटवारे में बंट नहीं सकता।

यह धन  छात्र के सम्पूर्ण जीवन काल तक काम आता है। विद्यार्थी जीवन  छात्रों का स्वर्णिम युग होता है।विद्यार्थी जीवन स्वतन्त्र जीवन होता है।

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