छात्र के जीवन में समय का महत्व पर निबंध
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भूमिका : मानव जीवन नदी की धारा के समान होता है। जिस तरह से नदी की धारा ऊँची नीची भूमि को पार करती हुई लगातार आगे बढती है उसी प्रकार जीवन की धारा सुख-दुःख रूपी जीवन के अनेक संघर्षों को सहते-भोगते आगे बढती रहती है। जीवन का उद्देश्य लगातार आगे बढना होता है इसी में सुख है, आनंद है।
आगे बढने में जो मदद करता है वह समय कहलाता है। जो भागते हुए समय को पकडकर इसके साथ-साथ चल सकते हैं, जिस किसी ने भी समय के महत्व को पहचाना है और उसका सदुपयोग किया है, वह उन्नति की सीढियों पर चढ़ता चला गया है। लेकिन जिसने इसका तिरस्कार किया है समय ने उसे बर्बाद कर दिया है। समय का सदुपयोग ही विकास और सफलता की कुंजी है।
मानव जीवन में समय का बहुत महत्व होता है। जब समय के मूल्य को पहचान लिया जाता है तो वही समय का सदुपयोग होता है। बीता हुआ समय कभी भी वापस लौट कर नहीं आता है। समय किसी का भी दास नहीं होता है। समय किसी पर भी निर्भर नहीं होता है वह अपनी गति से चलता है। जो व्यक्ति समय के महत्व को नहीं समझ पाता है वह कभी भी अपने जीवन को सफल नहीं बना सकता है।छात्रवास में समय का महत्व : छात्रवास में समय का बहुत अधिक महत्व होता है। किसान अपने खेत में अलग-अलग ऋतुओं में अलग-अलग प्रकार की फसल उगाता है। अगर बीज बोने का निश्चित समय किसी प्रकार से बीत जाता है तो वह फसल पैदा नहीं हो सकती है। ठीक यही दशा छात्रों के जीवन की भी होती है। विद्यार्थी जीवन वह समय होता है जब मनुष्य सारे जीवन भर के लिए तैयार होता है।
इसीलिए इस अवस्था में उसे समय के महत्व को जानना और उसका उपयोग करना उसके लिए बहुत आवश्यक होता है। छात्र की जीवन रूपी भवन की नींव भी इसी समय पर बनती है। जिस तरह से एक बहुत बड़ी पुस्तक को लिखने के लिए एक-एक अक्षर लिखना पड़ता है और तब एक पुस्तक लिखी जाती है इसी तरह विद्यार्थियों को एक-एक सैकेंड का उपयोग करके इतनी बड़ी किताबों को पढना पड़ता है केवल तभी वह उसके ज्ञान को प्राप्त कर सकता है।
जो छात्र अपनी रोज की पढाई को पूरा नहीं कर पाता है उस छात्र को परीक्षा के समय में अपनी पढाई एक विशाल पहाड़ की तरह लगती है। जब परीक्षा की तैयारी पूरी नहीं होती है तो वे गलत तरीकों से परीक्षा को उत्तीर्ण करने की कोशिश करते हैं। इन गलत तरीकों से उन्हें असफलता मिलती है और इन कामों से उनका समाज में सिर नीचा हो जाता है।
उन्हें बाद में बहुत पछतावा होता है लेकिन बाद में पछताने से कोई फायदा नहीं होता है। समय का सदुपयोग करने वाला छात्र अपने जीवन में एक सफल नागरिक बन जाता है लेकिन जो विद्यार्थी समय को बातों में या इधर-उधर घूमने-फिरने में व्यर्थ करता है, वह अंत में रोता है, पछताता है लेकिन वह चाहकर भी उस समय को वापस नहीं ला सकता है। भगवान एक बार में केवल एक ही पल देते हैं तथा दूसरे पल से पूर्व पहले पल को छीन लेते हैं।
उपसंहार : अगर हम समय के महत्व को समझकर समय का सदुपयोग करते हैं तो सफलता हमसे कभी भी दूर नहीं होती है। हम सभी का कर्तव्य है कि हम अपने बचे हुए समय का सदुपयोग करें और अपने राष्ट्र के भविष्य को उन्नति की ओर ले जाएँ। हमे हमेशा अपने काम को निश्चित रूप से समय पर ही पूरा करना चाहिए।
हम सभी भारत देश के निर्माता हैं। हमें हमेशा अपने देश की उन्नति के लिए अपने जीवन के प्रत्येक क्षण का सदुपयोग करना चाहिए। अगर हम काम को निश्चित समय पर पूरा करते हैं तो इससे समय भी बच जाता है जिसका प्रयोग हम समाज के कल्याण के लिए भी कर सकते हैं। हमें यह याद रखना चाहिए कि कभी भी समय व्यर्थ न हो सके। समय का पूरा उपयोग करना चाहिए और समय के महत्व को समझाना चाहिए।
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