Hindi, asked by sakshisehrawat, 11 months ago

छात्रावास के अनुभव के विषय में मित्र को पत्र लिखिए।

Answers

Answered by rk9098767
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Answer:

Explanation:अशोक कदम,

गाँवदेवी रोड, दादर पश्चिम,

मुंबई – ४२

दिनांक : ०९/०१/२०१६

प्रिय मित्र भाविक,

सप्रेम नमस्कार,

मैं यहाँ कुशलतापूर्वक हूँ और उम्मीद करता हूँ कि तुम भी कुशलता से होंगे | जब से छात्रावास आया हूँ ऐसा लगता है कि तुम मुझे भूल ही गए हो | न कभी पत्र लिखते हो न कभी फ़ोन करते हो | तुम तो घर बैठे व्यस्त हो गए हो | इसलिए मैंने सोचा मैं ही पत्र लिख दूँ |

कुछ दिनों पहले मेरी मुलाकात तुम्हारे बड़े भैया से हुई थी | उन्होंने मुझे बताया कि आजकल तुम घर में बहुत कम समय रहते हो | पूरा दिन बाहर घुमने में चला जाता है | तुमने कुछ नए मित्र बना लिए हैं | उनके साथ मिलकर सिगरेट और हुक्का पीने लगे हो | पढाई पर बहुत कम ध्यान देते हो | घरवाले तुम्हारी हरकतों से चिंता में पड़ गए हैं |

मित्र, यह बहुत दुःख की बात है कि तुम जैसे होनहार विद्यार्थी को ये सब बुरी आदतें लग गयी हैं | तुमने कुमित्रों की संगत कर ली है | उनकी देखादेखी सारी गलत आदतें सीख रहे हो | उनके साथ रहकर तुम्हे कोई अच्छी चीज तो सीखने नहीं मिलेगी | इन बुरे व्यसनों की लत जरुर लग जाएगी |

इस बात का हमेशा स्मरण रखना कि जो मित्र को गलत राह पर ले जाता है, वो मित्रता नहीं शत्रुता निभा रहा है | जिन्हें तुम मित्र समझ रहे हो, वो मित्र के भेष में शत्रु है | वो तुम्हारा स्वास्थ्य, तुम्हारा चरित्र, तुम्हारी पढाई और तुम्हारा भविष्य सब बरबाद कर देंगे | तुम स्वतः बहुत बुद्धिमान हो | मुझे पूरी उम्मीद है कि तुम मेरी बात समझोगे और ऐसे कुमित्रों से दूर रहोगे |

तुम्हारे पत्र की प्रतीक्षा करूँगा | मेरा पत्र मिलते ही जवाब देना | जवाब देने में आलस्य करोगे तो नहीं चलेगा | अपने माता-पिता को मेरा प्रणाम कहना और मेरे लिए आशीर्वाद जरुर माँगना |

तुम्हारा मित्र

अशोक कद

Answered by KrystaCort
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छात्रावास के अनुभव के विषय में मित्र को पत्र|

Explanation:

बी 44/2

डी ब्लॉक  

नांगलोई  

नई दिल्ली - 110025

प्रिय मित्र राघव,

मैं यहां छात्रावास में कुशल मंगल हूँ और आशा करता हूँ कि तुम भी वहां अच्छे होगे। यह पत्र मैं तुम्हें अपने छात्रावास के अनुभव के बारे में बताने के लिख रहा हूँ। जब मैं यहां प्रारंभ में आया था तो मुझे बहुत अजीब सा लगता था कि क्या कभी कोई मेरा मित्र बन पाएगा क्या कभी मैं यहां अपनापन महसूस कर पाऊंगा। मैं किसी से भी बात करने में बहुत ही अच्छा था और डरता था लेकिन अब जब मैं इस छात्रावास में रह रहा हूँ  तो मेरे काफी सारे दोस्त बन गए हैं। यहां सब लोग मिलकर पढ़ाई करते हैं मिलकर खाना खाते हैं और मिलकर एक दूसरे की समस्याओं को समाधान निकालते हैं। छात्रावास में डरने जैसा कुछ भी नहीं है बल्कि यह एक अच्छा स्थान है जहां पर हम अपने जीवन को जी सकते हैं। मैं तुम्हें भी यही सुझाव दूंगा कि तुम भी अपना किसी अच्छे विद्यालय में दाखिला लेकर छात्रावास में रहना प्रारंभ करो ताकि तुम्हारा मानसिक और बौद्धिक विकास अच्छे से हो पाए।

तुम्हारा मित्र  

रघु

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अपने मित्र को दिवाली की शुभकामनाएं देते हुए पत्र

brainly.in/question/1657220

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