छोटी सी कहानी बनानी है इन किरदारों पर (विद्यालय, गुरूजी, बन्दर, डंडा, छुट्टी, रोटी, पेड़, केला, ताली, बच्चे, भूखा
विद्यालय में गुरु जी विद्यार्थियों को कक्षा में पढ़ा रहे थे| तभी एक बंदर वहाँ आ गया| गुरु जी डंडा लेकर उसके पीछे भागे बंदर पेड़ पर चढ़ गया| कुछ देर बाद आधी छुट्टी का समय होने वाला था| बच्चे ने बन्दर की ओर रोटी फेक दी और बन्दर ने उसे लपक कर केले के पेड़ पर बैठ कर रोटी खाने लगा यह देखकर सभी बच्चे ख़ुशी से ताली बजाने लगे और बन्दर की भूख भी मिट गई!
इस कहानी से हमें यह सन्देश मिलता है कि हमें भूखे का पेट भराने चाहिए!
Answers
दिए गए शब्दों के आधार पर कहानी लेखन।
Explanation:
एक दिन जब मैं विद्यालय पहुंचा तो मैंने देखा कि गुरुजी कक्षा में आ चुके थे।विद्यालय देर से पहुंचने के कारण मुझे गुरुजी से क्षमा मांग कक्षा में बैठने की अनुमति लेनी पड़ी। यूं तो गुरुजी किसी भी विद्यार्थी को देरी सेविद्यालय आने पर कक्षा में नहीं बैठने देते लेकिन जैसे ही उन्होंने बाहर एक बंदर को देखा तो वह भौचक्का रह गए और उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर अंदर खींच लिया।
बंदर गुरुजी की ओर जैसे ही लपक ने लगा वैसे ही गुरु जी ने बंदर को डंडे से डराया। विद्यालय के समय में हम सब कक्षा में ही दरवाजा बंद करके बैठे रहे और जब हमारी छुट्टी हुई तो हमने देखा कि बंदर वहां नहीं था। हम लोग बहुत खुश हुए लेकिन जैसे ही मेरी नजर सामने वाले पेड़ पर गई तो मैंने देखा कि बंदर उस पेड़ पर बैठे रोटी तोड़ अपने बच्चे को खिलाने की कोशिश कर रहा था।
कुछ बच्चे बंदर को देख डर गए और उस पर पत्थर फेंकने लगे। तभी मुझे दादी जी का बताया एक वाकया याद आया जिसमें उन्होंने मुझे बताया था कि यदि हम बंदर को केला खिलाए तो वह हमारी किसी भी चीज को नहीं छेड़ेगा और चुपचाप केला लेकर चला जाएगा।
मैंने फट से अपने बैग से एक अकेला निकाला और बंदर की और फेंक दिया। बंदर ने एक हाथ से पेड़ की डाली को पकड़ा और दूसरे हाथ से केला झट से लपक लिया। बंदर के के लाला पकते ही बच्चों ने ताली बजाना शुरू कर दिया। और कुछ ही देर बाद हमने देखा कि बंदर उसके ले को छीलकर अपने छोटे बच्चे को खिलाने लगा। तब हमें समझ आया कि बंदर का बच्चा भूखा था और बंदर अपने बच्चे की भूख मिटाने के लिए हमसे खाना चाहता था।
शिक्षा: इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें जानवरों के प्रति क्रूर ना होकर उनके भावनाओं को समझने की कोशिश करनी चाहिए।
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Answer:
विद्यालय में गुरु जी विद्यार्थियों को कक्षा में पढ़ा रहे थे| तभी एक बंदर वहाँ आ गया| गुरु जी डंडा लेकर उसके पीछे भागे बंदर पेड़ पर चढ़ गया| कुछ देर बाद आधी छुट्टी का समय होने वाला था| बच्चे ने बन्दर की ओर रोटी फेक दी और बन्दर ने उसे लपक कर केले के पेड़ पर बैठ कर रोटी खाने लगा यह देखकर सभी बच्चे ख़ुशी से ताली बजाने लगे और बन्दर की भूख भी मिट गई!
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