छुद्र घंटिका कटि तट सोभित, नूपुर सबद रसाल । मीराँ प्रभु संतन सुखदाई, भक्त बछल गोपाल ।अर्थ बताये
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can you type in english plz
so i will answer it
pakka
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अधर सुधारस मुरली राजत, उर बैजंती-माल।
छुद्र घंटिका कटि तट सोभित, नूपुर सबद रसाल।।
संदर्भ = ये पंक्तिया मीराबाई द्वारा रचित पदावली से ली गयी हैं।
भावार्थ = मीराबाई कहती हैं, हे गिरधर गोपाल! आपके कोमल होठों पर टिकी हुई बाँसुरी सबसे सुंदर दृश्य है। आपके गले में पड़ी वैजयंती माला अद्भुत लग रही है।
जैसे ही आपकी बाँसुरी बजने लगती है, चारों तरफ कर्णप्रिय संगीत बजने लगता है। ऐसा लगता है कि असंख्य मधुर घुँघरुओं की झंकार गुंजायमान हो रही हो। चारों तरफ मधुर रमणीय संगीत का निर्माण हो जाता है।
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योग्यता विस्तार - यदि आपको मीरा के पदों के कैसेट मिल सखें तो अवसर मिलने पर उन्हें सुनिए।
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