छोड़ो भी, ऐसा तो जीवन में होता है
जो कभी मिलता है, वह कभी छिनता है।
लेकिन इससे डरकर संध्या के सिंदूरी प्रकाश में मंजरी तुलसी के नीचे
दिया जलाना थोड़े ही बंद किया जाता है।
भगवान बात सुने ना सुने,
तो भी मंदिर तो मंदिर ही है,
उसमें जो रोज शाम दिया नहीं जलाता है,
वह तो घर लौटने के अपने ही मार्ग पर
अंधेरा फैलाता है।
जीवन में प्रायः………. घटनाएं होती ही रहती है (रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए)
(1 Point)
लूटने और रूठने की
आने और खाने की
कुछ मिलने और छिन जाने की
पहनने और ओढ़ने की
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1 st is a answer of this
I hope it's helpful
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Answer kuch milne aur kuch kchin jane
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