छायावाद काल के नामकरण के औचित्य पर प्रकाश डालें
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छायावाद नामकरण के औचित्य प्रकार है।
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छायावाद का नामकरण मुकुटधर पांडेय जी ने किया था। ... इस युग में प्रेम को लेकरलेकर बहुत सी छाया रुपी रचनाओं को लिखा गया इस कारण इस युग को छाया वाद के नाम से जाना जाता है। सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला', सुमित्रानदन पंत, महादेवी वर्मा , इस काव्य धारा के प्रतिनिधि कवि माने जाते हैं।
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छायावाद के साहित्यक उपलब्धियों उलेख करें
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