) छायावाद के प्रवर्तक माने जाते हैं।
(i) निराला
(ii) पन्त
(iii) प्रसाद
(iv) महादेवी वर्मा
Answers
Answer:
1. Nirala
Unhone chhayavad pe bahut kavitaye likhi hai
Answer: सही उत्तर है - निराला |
'निराला' को अक्सर आंदोलन के संस्थापकों में से एक के रूप में उद्धृत किया जाता है। निराला एक कवि, लेखक और निबंधकार के रूप में प्रेम, प्रकृति और मानवीय स्थिति सहित विषयों पर विस्तार से लिखा है ।
Explanation: उनकी प्रसिद्ध कविता "सरोज स्मृति" सहित उनकी रचनाएँ उनकी भावनात्मक तीव्रता, गीतात्मक गुणवत्ता और मुक्त छंद के उपयोग की विशेषता हैं।
20वीं शताब्दी की शुरुआत में, हिंदी कविता में एक साहित्यिक प्रवृत्ति "छायवाद" के रूप में जानी जाती है।
- छायावाद कवि अपनी गीतात्मक और रोमांटिक कविता के लिए प्रसिद्ध थे, जो व्यक्तिपरकता, भावनाओं और सुंदरता पर जोर देने से प्रतिष्ठित थी।
छायावाद के कवियों ने अपनी कविता में व्यक्ति की कल्पना, अनुभव और अभिव्यक्ति के मूल्य पर प्रकाश डाला। प्रेम, प्रकृति और सामान्य जीवन की सुंदरता के बारे में लिखने के बजाय, उन्होंने पुरानी हिंदी कविता के पारंपरिक विषयों और रूपों को खारिज कर दिया था, जो अक्सर धार्मिक और पौराणिक विषयों पर आधारित होते थे। छायावाद के कवियों ने ग़ज़लों और मुक्त छंद सहित उपन्यास रूपों और सौंदर्यशास्त्र के साथ भी प्रयोग किया।
सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला," जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत और महादेवी वर्मा कुछ प्रसिद्ध छायावाद कवि हैं। छायावाद आंदोलन को हिंदी कविता के विकास में एक महत्वपूर्ण क्षण माना जाता है|
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