Hindi, asked by thakuraayushi593, 8 months ago

छायावाद का शिखर काव्य किसे माना जाता है​

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Answered by lahariguddi2166
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Answered by bhatiamona
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छायावाद का शिखर काव्य जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित “कामायानी” को माना जाता है।

“कामायनी” कृति जयशंकर प्रसाद की सर्वश्रेष्ठ कृति रही है। यह रचना 1936 में प्रकाशित हुई थी और यह जयशंकर की जय शंकर प्रसाद की अंतिम रचना भी है।

जयशंकर प्रसाद छायावाद युग के चार प्रमुख कवियों सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, सुमित्रनंदन पंत, महादेवी वर्मा और जयशंकर प्रसाद में से एक थे। छायावाद युग हिंदी साहित्य का एक महत्वपूर्ण काल रहा है, इसकी कालावधि 1918 से 1936 तक के बीच रही है। इस युग के चार कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, सुमित्रानंदन पंत, जयशंकर प्रसाद और महादेवी वर्मा माने गए हैं। छायावाद युग को छायावाद नाम सबसे पहले मुकुटधर पांडे ने दिया था। इस युग की प्रथम रचना जयशंकर प्रसाद की कृति ‘झरना’ है।

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