India Languages, asked by ankitsen7725044295, 3 months ago

छायावाद की विशेषताएं​

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Answered by shwetajaiswar169
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छायावाद की विशेषताएं☝️।

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Answered by sejalkk18
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1.मुक्तक गीति शैली (गीति शैली के सभी तत्व -1.वैयक्तिक्ता 2.भावात्मकता 3.संगीतात्मकता 4.संक्षिप्तता 5.कोमलता छायावादी कवियों के काव्य में मिलते हैं।)

2. प्रतीकात्मकता

3. प्राचीन एवं नवीन अलंकारों का प्रचुर मात्रा में प्रयोग (मानवीकरण, विरोधाभास, विशेषण विपर्यय)

4.कोमलकांत संस्कृतमय शब्दावली

जयशंकर प्रसाद की कुछ रचनाओं के उदाहरण देखें- प्रतीकों के द्वारा इन्होंने अपनी अभिव्यक्ति की मार्मिकता में वृद्धि की है। मूर्त को अमूर्त और अमूर्त को मूर्त रूप में चित्रित करने के लिए इन्होंने अनेक प्रयोग किए हैं। जैसे,

1. मूर्त के लिए अमूर्त उपमान- बिखरी अलकें ज्यों तर्क जाल। (कामायनी)

2. अमूर्त के लिए मूर्त उपमान- कीर्ति किरण-सी नाच रही है। (कामायनी)

3. विशेषण विपर्यय- तुम्हारी आँखों का बचपन खेलता जग का अल्हड़ खेल।

4. विरोधाभास- शीतल ज्वाला जलती है। (आँसू - प्रसाद)

5. रूपकातिशयोक्ति- बाँधा था विधु के किसने, इन काली जंजीरों से। (आँसू - प्रसाद)

6. कोमलकांत पदावली- मृदु मन्द-मन्द मंथर-मंथर लघुतरिणी-सी सुंदर।

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