छायावाद नामकरण के औचित्य को स्पष्ट कीजिए
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छायावाद नामकरण के औचित्य प्रकार है।
Explanation:
- छायावाद का नामकरण मुकुटधर पांडेय जी ने किया था।
- छायावाद हिंदी साहित्य के रोमांटिक उत्थान की धारा है।
- इस युग में प्रेम को लेकरलेकर बहुत सी छाया रुपी रचनाओं को लिखा गया इस कारण इस युग को छाया वाद के नाम से जाना जाता है।
- सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला', सुमित्रानदन पंत, महादेवी वर्मा , इस काव्य धारा के प्रतिनिधि कवि माने जाते हैं।
सुमित्रानदन पंत का जीवन परिचय
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