छत चढ़ने के लिए -चाहिए। (जीना/जीना) रसखान चाहते हैं कि मैं पत्थर बनूँ तो- -पर्वत
(द) सहारा
(द) उदासीन
(4) 13-11
(द) शब्द
(द) बंदर में
(द) शायर
का ही बनूँ। (गोवर्धन / सतपुड़ा) iv. काव्य के -भेद होते है। (दो/तीन) जो पढ़ा-लिखा न हो उसे- -कहते हैं। (पढ़ाकू / अनपढ़)
Ji.
V.
लेखक के अनुसार टोपी
-का प्रतीक है। (सम्माननीय व्यक्ति / उदार व्यक्ति)
vi. vii. जो अधिक बोलता हो उसे- -कहते हैं। (वाचाल / बड़बोला) दुष्ट व्यक्तियों के साथ-साथ आदर्श -भी होते हैं। (प्रणेता/अभिनेता)
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