Hindi, asked by sharadpatel91, 8 months ago

छत्रु धरै ॥
ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै।
गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै
जाकी छोति जगत कउ लागै ता
पर तुहीं ढरे।
नीचहु ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै।।
नामदेव कबीरु तिलोचनु
सधना सैनु तरै।
कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरिजीउ ते सभै सरै।। explain​

Answers

Answered by medoremon08
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Answer:

प्रभु आपके बिना कौन कृपालु है। आप गरीब तथा दिन – दुखियों पर दया करने वाले हैं। आप ही ऐसे कृपालु स्वामी हैं जो मुझ जैसे अछूत और नीच के माथे पर राजाओं जैसा छत्र रख दिया। आपने मुझे राजाओं जैसा सम्मान प्रदान किया। मैं अभागा हूँ। मुझ पर आपकी असीम कृपा है। आप मुझ पर द्रवित हो गए । हे स्वामी आपने मुझ जैसे नीच प्राणी को इतना उच्च सम्मान प्रदान किया। आपकी दया से नामदेव , कबीर जैसे जुलाहे , त्रिलोचन जैसे सामान्य , सधना जैसे कसाई और सैन जैसे नाई संसार से तर गए। उन्हें ज्ञान प्राप्त हो गया। अंतिम पंक्ति में रैदास कहते हैं – हे संतों, सुनो हरि जी सब कुछ करने में समर्थ हैं। वे कुछ भी सकते हैं

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