Hindi, asked by ashwatiunair9133, 11 months ago

छत्रपति शिवाजी महाराज भाषण। Chatrapati Shivaji Maharaj Speech

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Answered by TheEmma
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छत्रपति शिवाजी एक प्रखर राष्ट्रभक्त थे। उन्होंने विदेशी आक्रांताओं के विरूद्ध हथियार उठाकर भारतमाता को उनसे मुक्त कराने का संकल्प लिया था। वे अपने चरित्र-बल¸ दृढ़¸ इच्छाशक्ति और प्रखर राष्ट्रभक्ति के कारण ही महानता के चरम उत्कर्ष तक पहुँच पाए थे।

हिन्दू साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी का जन्म 16 अप्रैल 1627 को शिवनेरी दुर्ग में हुआ था। उनके पिता का नाम शाहजी भोंसले और माँ का नाम जीजाबाई था। शिवाजी के पिता शाहजी ने बचपन में ही पुत्र शिवाजी और पत्नी जीजाबाई को दादाजी कोंडदेव को लालन-पालन के लिए सैंप दिया था।

दादाजी कोंडदेव के सान्निध्य में शिवाजी का बचपन बीता। दादजी ने पुणे के पास रहने वाले मावलों पर आधिपत्य स्थापित किया था। शिवाजी मावले युवकों के साथ पर्वतों में¸ घने जंगलों में तथा भयावनी गुफाओं में घूमते थे तथा अस्त्र-शस्त्र चलाना सीखते थे। उन्होंने मावले युवकों को संगठित करके एक सेना बनाई और मुगलों के आधीन भारत को मुक्त करके स्वतंत्र  राज्य स्थापित करने का देखने लगे।

सन् 1646 में उन्होंने बीजापुर के दुर्गपति से तोरण के दुर्ग पर अधिकार कर लिया । फिर उन्होंने बीजापुर के चाकन¸ कोंडाना तथा पुन्दर दुर्गों पर भी सहज रूप से अधिकार कर लिया। तत्पश्चात् बीजापुर के सुल्तान ने शिवाजी को आगे बढ़ने से रोकने के लिए उनके पिता शाहजी भोंसले को बंदी बना लिया। फिर शिवाजी ने अपने पिता को मुक्त कराने के लिए बीजापुर के सुल्तान को बंगलौर और कोंडाना के दुर्ग वापस देकर संधि कर ली। इस संधि के बाद भी शिवाजी के राज्य का विस्तार निरंतर होता रहा और उन्होंने अपने पराक्रम तथा शौर्य के बल पर हिन्दू साम्राज्य की स्थापना का संकल्प पूरा किया।

सन् 1674 में शिवाजी का राज्याभिषेक किया गया तथा उन्हें छत्रपति की उपाधि से सम्मानित किया गया। शिवाजी न केवल प्रशासक थे अपितु वे कूटनीतिज्ञ एवं राजनीतिज्ञ भी थे। उन्होंने अपनी छापामार युद्धनीति के कारण ही मुगल साम्राज्य के छक्के छुड़ा दिए थे और बैरम खाँ को भागने पर विवश कर दिया था तथा अफजल खाँ को मौत के घाट उतार दिया था।

सर्वविदित है कि जब औरंगजेब ने शिवाजी को बड़ी चालाकी से अपने दरबार में आमंत्रित करके कैद कर लिया तो शिवाजी बड़ी होशियारी से टोकरी में बैठकर पुत्र सहित वहाँ से भाग निकले थे।

छत्रपति शिवाजी की धार्मिक नीति बड़ी उदार थी। जहाँ भी वह युद्ध करने गए वहाँ न तो किसी मस्जिद को उन्होंने क्षति पहुँचाई और ऩ ही कभी किसी नारी का अपमान किया। विशाल साम्राज्य के संस्थापक होने के बावजूद शिवाजी को रत्ती भर भी मोह नहीं था।

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छत्रपति शिवाजी महाराज भाषण। Chatrapati Shivaji Maharaj Speech

❱ शिवाजी भोंसले मैं भारतीय योद्धा राजा और भोंसले मराठा कबीले का सदस्य था । शिवाजी ने बीजापुर की गिरती अदलशाही सल्तनत से एक एन्क्लेव बनाया, जिसने मराठा साम्राज्य की उत्पत्ति की । १६७४ में उन्हें औपचारिक रूप से रायगढ़ में अपने दायरे के छत्रपति का ताज पहनाया गया ।

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