Hindi, asked by Anonymous, 9 months ago

छठी कक्षा में असफल होने पर सांत्वना देते हुए अपने छोटे भाई को पत्र लिखिए।

⚠️कृपिया सही उत्तर दिजीये गा।⚠️
⚠️ वर्ना रेपोर्त कर दूंगी।⚠️​

Answers

Answered by yashika1951
6

\huge\underline\bold\red{AnsweR...}

495, कालकाजी,

नई दिल्ली

प्रिय राम

शुभाशीष।

आज की डाक से माता जी का पत्र प्राप्त हुआ। यह जानकर अत्यन्त दुःख हुआ। कि तुम छठी कक्षा की परीक्षा में सफल नहीं हो सके हो। मुझे इस वर्ष पहले से ही तुम्हारे उत्तीर्ण होने की आशा कम थी, क्योंकि वर्ष में पूरे पाँच महीने नम बीमार रहें नया कल न जा सके। इसमें तुम्हारा कोई दोष नहीं है। इसमें निराश होने की कोई बात नहीं है।

जीवन में सफलता-असफलता तो आती-जाती रहती है। असफल होना भी कभी-कभी वरदान सिद्ध होता है। किसी ने ठीक ही कहा है-असफलता, सफलता की सीटी है। सामान्य सफलता की अपेक्षा शानदार सफलता करना प्राप्त कहीं श्रेयस्कर है। विफलता पुनः तैयार होने का एक संकेत है। अतः अभी से अगली परीक्षा की तैयारी करो और प्रथम आकार इस विफलता के अभिशाप को वरदान में बदल दो।

मुझे पूर्ण आशा है कि तुम अपने हुदय से निराशा का भाव त्यागदोगे और तथा पूर्ण आशा के साथ अध्ययन में जुट जाना।

परम पूज्य माता जी को सादर प्रणाम एवं पिताजी को चरण स्पर्श टीटू तया नीटू को प्यार।

तुम्हारी बहन,

राधा

Explanation:

ₕₒₚₑ ᵢₜ ₘₐy ₕₑₗₚₛ ᵤ...

Answered by mangalasingh00978
3

Answer:

उत्तर प्रद्सेह

प्रिय उज्ज्वल

शुभाशीष।

आज की डाक से माता जी का पत्र प्राप्त हुआ। यह जानकर अत्यन्त दुःख हुआ। कि तुम छठी कक्षा की परीक्षा में सफल नहीं हो सके हो। मुझे इस वर्ष पहले से ही तुम्हारे उत्तीर्ण होने की आशा कम थी, क्योंकि वर्ष में पूरे पाँच महीने नम बीमार रहें नया कल न जा सके। इसमें तुम्हारा कोई दोष नहीं है। इसमें निराश होने की कोई बात नहीं है।

जीवन में सफलता-असफलता तो आती-जाती रहती है। असफल होना भी कभी-कभी वरदान सिद्ध होता है। किसी ने ठीक ही कहा है-असफलता, सफलता की सीटी है। सामान्य सफलता की अपेक्षा शानदार सफलता करना प्राप्त कहीं श्रेयस्कर है। विफलता पुनः तैयार होने का एक संकेत है। अतः अभी से अगली परीक्षा की तैयारी करो और प्रथम आकार इस विफलता के अभिशाप को वरदान में बदल दो।

मुझे पूर्ण आशा है कि तुम अपने हुदय से निराशा का भाव त्यागदोगे और तथा पूर्ण आशा के साथ अध्ययन में जुट जाना।

परम पूज्य माता जी को सादर प्रणाम एवं पिताजी को चरण स्पर्श टीटू तया नीटू को प्यार।

तुम्हारी भाई

रुद्रा

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