Hindi, asked by 8305195782, 17 days ago

Chhattisgarh se sambandhit kisi ek Nadi ki lok Katha ko likhiye

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Answered by samsung1979mar
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छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में बहने वाली शिवनाथ नदी नाम की नदी बहती है, इस नदी को सदानीरा नदी भी कहा जाता है, क्योंकि इस नदी का जल कभी सूखता नही है। इस नदी के संबंध में एक लोक कथा प्रचलित है, जोकि इस प्रकार है...

एक बार एक सीधा-साधा आदिवासी युवक भगवान शिव का परम भक्त था। उसकी शिव भगवान शिव के भक्ति को देखकर गाँव के लोग उसे शिवनाथ कहने लगे थे। एक बार एक किसान ने शिवनाथ को देखा तो उसके मन में अपनी बेटी पारू की विवाह शिवनाथ से कराने की इच्छा हुई और उसका मन हुआ कि वह शिवनाथ को घर जमाई बना कर अपने घर रख ले। उस समय आदिवासी संस्कृति के अनुसार वर पक्ष को कन्या पक्ष वालों को एक निश्चित धनराशि आदि देनी पड़ती थी, लेकिन शिवनाथ गरीब था और धन आदि देने में असमर्थ था, इसलिए उसने एक उपाय अपनाया।

वहाँ पर एक अन्य प्रचलित मान्यता के अनुसार यदि वर पक्ष का युवक गरीब है तो वह किसान के घर जाकर उसकी सेवा करें और उसके कार्य में हाथ बटाये और 3 साल तक ऐसा करते रहे तो उसका भावी ससुर प्रसन्न होकर उसे अपनी कन्या का विवाह कर सकता है।

शिवनाथ ने भी ऐसा ही किया और अपनी ईमानदारी तथा परिश्रम सेवा से किसान का दिल जीत लिया। शिवनाथ और पारो के प्रति प्रेम भी उत्पन्न हो गया और दोनों का एक दूसरे के प्रति प्रेम बढ़ता ही जा रहा था। जब तीसरा साल हुआ तो उसी समय जमींदार के बेटा पारु की सुंदरता को देखकर मोहित हो गया, इसलिए उसने पारु भाईयों को लालच देकर पारु से विवाह करने की इच्छा जाहिर की। पारु के भाईयों ने लालच में आकर शिवनाथ को रास्ते से हटाने की सोची।

एक दिन पारु के भाइयों ने पूरे गाँव में यह अफवाह फैला दी कि खेत की मेड़ टूट जाने से सारा पानी खेतों में भरकर फसल को नुकसान पहुंचा रहा है, और मेड़ को जल्दी से ठीक करना जरूरी है। इस घटना का पता चला तो वह तुरंत को बांधने के लिए खेतों की ओर चल पड़ा। पारु के मना करने पर भी वह नहीं रुका और खेतों की ओर चल पड़ा।

पारु के भाई पहले से ही घात लगाये बैठे थे। उन लोगों ने शिवनाथ को लाठियों से पीट-पीटकर मार डाला। रात बीत जाने पर भी जब वो घर से नहीं लौटा, तब उसे खोजते हुए खेतों में जा पहुँची तो शिवनाथ का शव उसे गड्ढे में पड़ा दिखाई दिया। उसने भी शिवनाथ के विरह में वहीं पर प्राण त्याग दिये तभी से वहाँ पर शिवनाथ नाम की नदी बहने लगी ऐसा मान्यता है।

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