Child labour essay in hindi
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5 से 14 साल तक के बच्चों का अपने बचपन से ही नियमित काम करना बाल मजदूरी कहलाता है। विकासशील देशों मे बच्चे जीवन जीने के लिये बेहद कम पैसों पर अपनी इच्छा के विरुद्ध जाकर पूरे दिन कड़ी मेहनत करने के लिए मजबूर है। वो स्कूल जाना चाहते है, अपने दोस्तों के साथ खेलना चाहते है और दूसरे अमीर बच्चों की तरह अपने माता-पिता का प्यार और परवरिश पाना चाहते है लेकिन दुर्भाग्यवश उन्हें अपनी हर इच्छाओं का गला घोंटना पड़ता है।
विकासशील देशों में, खराब स्कूलिंग मौके, शिक्षा के लिये कम जागरुकता और गरीबी की वजह से बाल मजदूरी की दर बहुत अधिक है। ग्रामीण क्षेंत्रों में अपने माता-पिता द्वारा कृषि में शामिल 5 से 14 साल तक के ज्यादातर बच्चे पाए जाते है। पूरे विश्व में सभी विकासशील देशों में बाल मजदूरी का सबसे मुख्य कारण गरीबी और स्कूलों की कमी है।
बचपन हर एक के जीवन का सबसे खुशनुमा और जरुरी अनुभव माना जाता है क्योंकि बचपन बहुत जरुरी और दोस्ताना समय होता है सीखने का। अपने माता-पिता से बच्चों को पूरा अधिकार होता है खास देख-रेख पाने का, प्यार और परवरिश का, स्कूल जाने का, दोस्तों के साथ खेलने का और दूसरे खुशनुमा पलों का लुफ्त उठाने का। बाल मजदूरी हर दिन न जाने कितने अनमोल बच्चों का जीवन बिगाड़ रहा है। ये बड़े स्तर का गैर-कानूनी कृत्य है जिसके लिये सजा होनी चाहिये लेकिन अप्रभावी नियम-कानूनों से ये हमारे आस-पास चलता रहता है।
समाज से इस बुराई को जड़ से मिटाने के लिये कुछ भी बेहतर नहीं हो रहा है। कम आयु में उनके साथ क्या हो रहा है इस बात का एहसास करने के लिये बच्चे बेहद छोटे, प्यारे और मासूम है। वो इस बात को समझने में अक्षम है कि उनके लिये क्या गलत और गैर-कानूनी है, बजाए इसके बच्चे अपने कामों के लिये छोटी कमाई को पाकर खुश रहते है। अनजाने में वो रोजाना की अपनी छोटी कमाई में रुचि रखने लगते है और अपना पूरा जीवन और भविष्य इसी से चलाते है।
बाल मजदूरी
हमारे देश में बाल मजदूरी यह एक बहुत बड़ा सामाजिक मुद्दा है और इसे रोकने के लिए हर नागरिक को जागरूक होना आवश्यक है।
बाल मजदूरी क्या है? यह एक ऐसा कार्य है जो बच्चों से करवाया जाता है। यह दबाव पूर्ण कार्य मालिकों द्वारा करवाया जाता है। बचपन तो हर एक बच्चे का जन्मसिद्ध अधिकार है और उनसे कार्य करवाकर, मजदूरी करवाकर उन्हें उनके बचपन से वंचित करना अपराध है।
हाल मजदूरी बच्चों को बड़ो की तरह जीने पर मजबूर करता है। और इस वजह से बच्चों के जीवन में कई महत्वपूर्ण चीजों की कमी हो जाती है। जैसे की शिक्षा, शारीरिक तथा मानसिक विकास, स्वास्थ्य इत्यादि। बाल मजदूरी को रोकने के लिए अनेक कानून बनाएं गए है। परंतु हर नागरिक को इसके प्रति जागरूक होने की जरूरत है ताकि बाल मजदूरी को पूरी तरह से रोका जा सके।