Hindi, asked by sonu14march, 4 days ago

chiti aur kabuter poem in class 4​

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Answered by JATINJALAL2009
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चींटी और कबूतर की कहानी

गर्मी के दिन थे। एक चींटी पानी की तलाश में थी। कुछ समय इधर- उधर घुमने के बाद, वह एक झरने के पास आयी। झरने तक पहुंचने के लिए, उसे घास की एक तेज पत्ती पर चढ़ना पड़ा। यह रास्ता बनाते समय, वह फिसल गई और पानी में गिर गई।

अगर पास के पेड़ पर बैठा कबूतर यह सब नहीं देखता, तो वह डूब सकती थी। चींटी को परेशानी में देखकर , कबूतर ने जल्दी ही एक पत्ता तोड़्कर इसे मुश्किल में फंसी चींटी के पास पानी में गिरा दिया। चींटी पत्ते की तरफ चली गई और तुरंत उस पर चढ़ गई। जल्द ही, पत्ता बहकर सूखी जमीन पर पहुंच गया , और चींटी बाहर अ गयी। आखिर में वह सुरक्षित थी।

ठीक उसी समय, वहां एक शिकारी अपने जाल को कबूतर पर फेंकने वाला था, वह उसे पकड़ना चाह्ता था।

चीटी ने अनुमान लगाया कि वह शिकारी क्या करने वाला है , चींटी ने तभी उसे एड़ी पर काट दिया। जैसे ही शिकारी को दर्द मह्सूस हुआ, उसके हाथ से जाल गिर गया। और तभी झट से कबूतर वहा से उड गया।कबूतर ने चींटी के जान बचा कर जो नेक काम किया था। आज उसी ने उसकी जान बचायी।

एक अच्छा किया गया काम दूसरे अच्छे काम को प्रेरित करता है।

Answered by kripashaidane
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Explanation:

this is the correct answer

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