India Languages, asked by adityarana000p, 3 months ago

Chitra lekhan in sanskrit

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Answered by Ggffdd3444
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परिचय – ‘चित्राधारितवर्णनम्’ चित्रों के आधार पर लिखा जाने वाला अनुच्छेद या कथांश होता है अर्थात् चित्र-वर्णन में कोई भी सामान्य चित्र देकर उसका वर्णन करने को कहा जाता है । यह वर्णन मंजूषा में दिए गए शब्दों की सहायता से करना होता है । इस प्रकार इस प्रश्न का उत्तर लिखने के लिए शब्दों के वाक्य-प्रयोग का गहन और निरन्तर अभ्यास छात्रों द्वारा किया जाना चाहिए ।

सामान्य निर्देश – चित्र-वर्णन करते समय निम्न बातों को ध्यान में रखना चाहिए

चित्र-वर्णन में एक ही भाव अथवा विचार प्रस्तुत करना चाहिए ।

भूमिका एवं उपसंहार नहीं होना चाहिए ।

विषय का प्रारम्भ शीघ्र ही करना चाहिए ।

वाक्य आपस में सम्बद्ध होने चाहिए ।

विशेषत: वाक्यों में रोचकता होनी चाहिए ।

भाषा सरल, सुबोध और प्रवाहयुक्त होनी चाहिए ।

वाक्य बहुत बड़े नहीं होने चाहिए ।

वाक्य अधिक छोटे भी नहीं होने चाहिए ।

चित्र का वर्णन मंजूषा में दिए गए शब्दों की सहायता से ही करना चाहिए।

मंजूषा के शब्दों का प्रयोग चित्र के अनुसार ही करना चाहिए।

चित्र को ध्यान में रखकर शब्दों के लिंग, वचन और पुरुष में परिवर्तन किया जा सकता है ।

चित्र-वर्णन में उसका केन्द्रीय भाव अथवा शिक्षा आवश्यकतानुसार प्रारम्भ या अन्त में देना चाहिए ।

यहाँ पर चित्र-वर्णन के कुछ उदाहरण देकर उन्हें हल करके समझाया गया है । इनके गहन अध्ययन के द्वारा ही इनके लेखन में निपुणता प्राप्त की जा सकती है।

पाठ्य-पुस्तक में दिये गये चित्राधारित वर्णन

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