Chitrakala pradarshan kis vishay par vyakhya
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Explanation:
पुराने समय के राजा महाराजा कई चित्रकारों को बुलाकर राज दरबार एवं महलों की दीवारों पर चित्र बनवाते थे। उन चित्रों में महिला डांस करती हुई दिखाई जाती थी एवं कई दीवारों पर प्रेम प्रसंग के चित्र बनाए जाते थे राजा चित्रकला करने वाले चित्रकार की चित्रकला से खुश होकर इनाम देता था। प्राचीन काल से 21 वीं सदी तक चित्र कलाकार को सम्मानित किया जाता रहा है। उनके चित्र कला की प्रशंसा की जाती रही है। आज भी हमारे देश के साथ-साथ विदेशों में भी चित्र कलाकारों को सम्मान दिया जाता है क्योंकि चित्रकार अपनी चित्रकला के माध्यम से चित्र में जान डाल देता है जब चित्रकार कोई चित्र बनाता है तो उस चित्र को जिंदा कर देता है । जब हम उस चित्र को देखते है तो हमें ऐसा महसूस होता है। कि जरूर इस चित्र में कोई कहानी छिपी हुई है।
कई चित्रकार दौड़ते हुए घोड़े का चित्र बनाते हैं तो कई चित्रकार गरीबी को दिखाने के लिए एक भिखारी का चित्र बनाता है और हम उस चित्र को जब देखते हैं तो हमें ऐसा लगता है कि गरीब लोग किस तरह से अपना जीवन यापन करते हैं। कई चित्रकार अपने चित्रकला से चित्र में फैलता हुआ प्रदूषण को भी दिखाते हैं उस चित्र में चित्रकार एक व्यक्ति पेड़ काट रहा होता है और दूसरा व्यक्ति स्वास की बीमारी के कारण बीमार पड़ा हुआ होता है जब हम उस चित्र को देखते हैं तब हमें महसूस होता है कि हमें पेड़ पौधे नहीं करना चाहिए क्योंकि पेड़-पौधे ही हमारा जीवन है। इसलिए चित्रकार सम्मान के लिए चुना जाता है क्योंकि वह अपनी सोच और बुद्धि से चित्र बनाता है। चित्रकार पूरी दुनिया को जागरूक करता है। चित्रकला अन्य कलाओं से अच्छी मानी जाती है। कई लेखकों ने भी चित्रकला को श्रेष्ठ बताया है।
जब चित्रकार चित्र बनाता है तो तरह-तरह के रंग उस चित्र में भर देता है और उस चित्र में व्यक्ति की वास्तविकता को बताताहै। मैं जब एक बार एक चित्रकार की तस्वीर देखने के लिए गया तो मुझे बड़ा अच्छा लगा क्योंकि उस चित्र में यह बताया गया था कि एक व्यक्ति मिट्ठू को पिंजरे में कैद किए हुए था। और उसको खाने पीने को भी नहीं देता था, उस चित्र के दूसरे.. भाग में यह दिखाया गया था कि एक दूसरा व्यक्ति आता है। और मिट्ठू को बीमार देखकर उसका पिंजड़ा खोलकर उसे उड़ा देता है। जब मैंने वह तस्वीर देखी तो मुझे ऐसा लगा कि जानवरों, पंछियों को कैद करके नहीं रखना चाहिए उन्हें भी अपनी जिंदगी जीने का अधिकार होता है।